नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी दिसंबर 2018 में राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव के साथ-साथ लोकसभा चुनाव करवाने की कवायद में है. दरअसल बीजेपी हवा के रुख का फायदा उठाना खूब जानती है, इसीलिए एक बड़ा दांव बड़े स्तर पर खेलने की तैयारी कर रही है. बीजेपी शासित महाराष्ट्र , हरियाणा और झारखंड की सरकार को दांव पर लगाने से भी बीजेपी को परहेज नहीं. यानी छह राज्यों के विधानसभा चुनाव तो साथ कराए ही जा सकते हैं.
पार्टी एनडीए में अपने सहयोगी चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी और चंद्रशेखर राव की तेलंगाना पार्टी को भी वक्त से पहले चुनाव कराने के लिए मना रही है. लोकसभा और इन नौ राज्यों के चुनाव के साथ नीतीश कुमार भी बिहार विधानसभा चुनाव कराने को राजी है. ऐसे में दिसंबर में ही लोकसभा चुनाव के साथ 10 राज्यों के विधान सभा चुनाव की संभावनाएं प्रबल है. माना जा रहा है कि इससे बीजेपी शासित राज्यों में सत्ता विरोधी लहर धीमी पड़ जाएगी.
क्योकि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में बीजेपी की सत्ता एक अरसे से हैं. वही महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस सरकार का संकट शिवसेना बड़ा रही है, इसी क्रम में हरियाणा में खट्टर और झारखंड में रघुवर दास की हालत भी ठीक नहीं नहीं है, ऐसे में राज्यों में बीजेपी का दांव संजीवनी का काम कर सकता है.