गुरुग्राम में आधार कार्ड नहीं होने पर अस्पताल ने नहीं किया गर्भवती महिला को भर्ती
आधार कार्ड के न होने पर एक गर्भवती को सिविल हॉस्पिटल की पार्किंग में ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। दर्द से बिलखती महिला 2 घंटे तक हॉस्पिटल के चक्कर काटती रही, लेकिन किसी को भी उसकी पीड़ा नहीं दिखी। निढाल होकर जब वह इमरजेंसी गेट से निकली, तो तुंरत जमीन पर बैठ गई। इस पर वहां पार्किंग में बैठी कुछ महिलाओं ने उसकी हालत देखते हुए तुरंत शॉल की ‘दीवार’ बनाई और कुछ ही मिनटों में महिला ने बच्ची को जन्म दिया।
इसके बाद दंपती हॉस्पिटल की अल्ट्रसाउंड लैब में पहुंचे, तो वहां तैनात एक कर्मचारी ने उनसे आधार कार्ड की मांग की। बबलू ने उन्हें आधार कार्ड नंबर बताया, तो कर्मचारी ने ऑरिजनल या फोटो कॉपी देने को कहा। इस पर उन्होंने बाहर साइबर कैफे पर जाकर आधार की साइट से अपने कार्ड का प्रिंटआउट लेने की कोशिश की तो, उनके मोबाइल नंबर पर वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) का मेसेज नहीं पहुंचने के कारण प्रिंट नहीं निकल सका। वह दोबारा अल्ट्रसाउंड लैब पहुंचे, लेकिन कर्मचारी ने काम में दखलअंदाजी न करने को कहा। बबलू ने बाहर खड़े पुलिसकर्मियों से आपबीती सुनाकर मदद की गुहार लगाई, लेकिन किसी को दर्द से तड़पती मां की चीखें सुनाई नहीं दीं।
डॉ. प्रदीप शर्मा (प्रिंसिपल मेडिकल ऑफिसर, सिविल हॉस्पिटल) ने कहा, ‘काम में कोताही बरतने पर दो महिला कर्मचारियों का कॉन्ट्रैक्ट कैंसल कर दिया गया है। प्रारंभिक जांच में दोनों कर्मचारियों की गलती पाई गई है। इनके अलावा जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’
हरियाणा के स्वास्थ्य व खेल मंत्री अनिल विज ने कहा है कि आधार कार्ड न होने की वजह से किसी भी मरीज का इलाज नहीं रोका जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। सरकारी अस्पतालों में 385 डॉक्टरों को नियुक्ति के लेटर जारी किए गए हैं। इसके बाद प्रतीक्षा सूची में रहने वाले डॉक्टरों की नियुक्ति के बारे में भी विचार किया जाएगा।