परीक्षा का तनाव लेने की बजाय खुद पर विश्वास रखें छात्र -डॉ. जगदीश गाँधी
‘छात्र अपनी परीक्षा में सर्वोच्च प्रदर्शन कैसे करें’ विषय पर प्रेस कान्फ्रेन्स का आयोजन
लखनऊ : शिक्षाविद् एवं सिटी मोन्टेसरी स्कूल के संस्थापक-प्रबन्धक डॉ. जगदीश गाँधी ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस में बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों को परीक्षा का तनाव लेने की बजाय खुद पर आत्म-विश्वास रखते हुए अपना सर्वोच्च प्रदर्शन करने की सलाह दी। उन्होंने छात्रों को अपना संदेश देते हुए कहा कि हमें अपने जीवन में कई ऐसी परीक्षाओं को पास करना पड़ेगा जिसके बारे में हमें न तो पहले से पता होगा और न हमने उसको पास करने की पहले से कोई तैयारी ही कर रखी होगी, फिर भी हमें उन परीक्षाओं का सामना करना पड़ेगा। यहाँ तो हमारे पास अच्छी किताबें, अच्छे शिक्षक, माता-पिता का प्रेम और सहयोग और खुद का आत्मविश्वास है जिसके बल पर आप अपनी इस परीक्षा में अवश्य ही सर्वोच्च अंक प्राप्त करेंगे। डॉ. गाँधी ने इस अवसर पर गीता का उल्लेख करते हुए कहा कि गीता में श्रीकृष्ण भगवान ने कहा है कि जीवन एक संघर्ष है, एक चुनौती है, परीक्षास्थल है, रणक्षेत्र है – इसका सामना करना होगा, परीक्षा देनी होगी, संघर्ष तब तक चलेगा जब तक साँस चलेगी, इसलिये संघर्ष से भागना नहीं स्थिर होकर उसका सामना करना होगा।
डॉ गाँधी ने सभी छात्रों को सभी विषयों को अच्छी तरह से तैयार करने के लिए सभी चैप्टरों को बार-बार दोहराने की भी सलाह देते हुए कविवर वृंद के इस दोहे को भी दोहराया कि ‘करत-करत अभ्यास से जड़मत होत सुजान, रसरी आवत जात है सिल पर पड़त निशान’ अर्थात् जिस प्रकार एक मामूली सी रस्सी कुएँ के पत्थर पर प्रतिदिन के अभ्यास से निशान बना देती है, उसी प्रकार अभ्यास जीवन का वह आयाम है, जो कठिन रास्तों को भी आसान कर देता है। इसलिए सभी छात्र एवं छात्राओं को सभी विषयों के सभी चैप्टरों की तैयारी अच्छे से करने के लिए बार-बार उनका अभ्यास करते रहना चाहिए। इसके के साथ ही डॉ. जगदीश गाँधी ने बच्चों को सफलता के कुछ टिप्स भी दिये, जो कि इस प्रकार हैं-
1. यदि हमारा लक्ष्य परीक्षा में 100 प्रतिशत अंक लाना है तो पाठ्यक्रम में दिये गये निर्धारित विषयों के ज्ञान को पूरी तरह से समझकर आत्मसात् करना चाहिए।
2. प्रत्येक छात्र की स्मरण शक्ति असीमित है। इसलिए छात्रों को अपने पढ़े हुए पाठों का रिवीजन पूरी एकाग्रता तथा मनोयोगपूर्वकर करके अपनी स्मरण शक्ति को बढ़ाना चाहिए।
3. छात्रों को रोजाना घर से परीक्षा केन्द्र जाने के पूर्व अपने प्रवेश पत्र को सावधानीपूर्वक रख लेना चाहिए।
4. छात्रों को प्रश्न पत्र हल करने के पहले उसमें दिये गये निर्देशों को भली-भाँति पढ़ लेना चाहिए। ऐसी वृत्ति हमें गलतियों की संभावनाओं को कम करके परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने की संभावना को बढ़ा देती है। इसलिए हमें प्रश्न पत्र के हल करने के निर्देशों को एक बार ही नहीं वरन् जब तक भली प्रकार निर्देश समझ में न आये तब तक बार-बार पढ़ना चाहिए।
5. स्वच्छ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है। अतः अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सभी छात्रों को परीक्षाओं के दिनों में संतुलित एवं हल्का भोजन लेना लाभदायक होता है। इन दिनों अधिक से अधिक ताजे तथा सूखे फलों, हरी सब्जियों तथा तरल पदार्थो को भोजन में शामिल करें।
6. एक ताजे तथा प्रसन्नचित्त मस्तिष्क से लिये गये निर्णय, कार्य एवं व्यवहार अच्छे एवं सुखद परिणाम देते हैं। इसके लिए छात्रों को प्रतिदिन लगभग 7 घंटे की नींद अवश्य लेना चाहिए।
7. कहावत है एक बार लिखा हुआ हजार बार मौखिक रूप से याद करने से बेहतर होता है। ऐसे में छात्रों को अपने प्रश्नों के उत्तरों को लिखकर याद करने की आदत डालनी चाहिए।
8. परीक्षाओं में समय का विशेष महत्व होता है। ऐसे में समय मैनेजमेंट के लिए छात्रों को मॉडल पेपर के एक-एक प्रश्न को निर्धारित समय के अंदर हल करने का निरन्तर अभ्यास करते रहना चाहिए।
9. परीक्षा में उच्च कोटि की सफलता के लिए अच्छी लिखावट एक अनिवार्य शर्त है। इसलिए छात्रों को अपनी राइटिंग पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही सही स्पेलिंग तथा विराम चिन्हों का सही उपयोग करना चाहिए।
10. छात्रों को उत्तर पुस्तिका जमा करने के 10 या 15 मिनट का समय बचाकर रखना चाहिए एवं इस समय का उपयोग अपने उत्तरों को भली-भांति पढ़ने के लिए करना चाहिए। इस तरह उत्तर पुस्तिका को जमा करने के पूर्व उसे चेक अवश्य करें।