अब बिना रजिस्ट्री के फ्लैट में रह रहे लोगों पर होगी FIR
कंप्लीशन सर्टिफिकेट लेने के बाद भी आवंटियों के नाम पर प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री नहीं करने वाले बिल्डरों और उनमें रह रहे लोग प्रशासन के निशाने पर आ गए हैं। डीएम रितु माहेश्वरी के निर्देश पर स्टांप रजिस्ट्रेशन और रेवेन्यू डिपार्टमेंट ऐसे बिल्डरों की ग्रुप हाउसिंग की जांच करेगा। बिल्डरों के खिलाफ स्टांप चोरी की एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। बिना रजिस्ट्री कराए रह रहे लोगों पर भी केस दर्ज होगा।
सब रजिस्ट्रार करेंगे जांच की अगुवाई
सब रजिस्ट्रार की देखरेख में जांच होगी। इसमें तहसील विभाग के कुछ कर्मचारियों को भी शामिल किया जाएगा। विभाग का दावा है कि सर्वे के दौरान कई सौ करोड़ रुपये की स्टांप शुल्क चोरी का मामला सामने आ सकता है। करीब 10 हजार ऐसे लोग हैं जिन्होंने अफने फ्लैट-प्लॉट की रजिस्ट्री नहीं करवाई है, वहीं 450 सोसाइटीज की विभाग जांच करेगा।
रजिस्ट्री क्यों जरूरी
रजिस्ट्री कराए बिना रेजिडेंट्स को मालिकाना हक नहीं मिलता है। पूरी कीमत देने के बावजूद वे उस फ्लैट या प्लॉट पर दावा नहीं जता सकते हैं। अगर किसी मामले में कोई हादसा हो जाता है तो वे मुआवजे या किसी सरकारी मदद के भी हकदार नहीं होंगे।
रजिस्ट्री नहीं कराना फ्लैट-प्लॉट मालिक को बहुत भारी पड़ सकता है। सेना के एक रिटायर्ड कर्नल के साथ ऐसा ही हुआ। उन्होंने नोएडा सेक्टर-93 में करीब 14 साल पहले फ्लैट लिया था। उस समय उन्होंने रजिस्ट्री नहीं कराई और फिर भूल गए। अब बिल्डर फ्लैट की बढ़ी कीमत मांग रहा है। स्टांप शुल्क भी नई दर के हिसाब से देना होगा।
डीएम के निर्देश पर जल्दी ही जांच शुरू की जाएगी। जिन बिल्डरो ने जीडीए से कंप्लीशन लेने के बाद भी फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं की है, उनके खिलाफ स्टांप शुल्क चोरी का केस दर्ज होगा।
रजिस्ट्री नहीं कराई तो 10 गुना तक देनी पड़ सकती है पेनल्टी
– स्टांप रजिस्ट्रेशन ऐक्ट की धारा-33 और 47 ए के तहत स्टांप शुल्क चोरी का केस दर्ज होता है। स्टांप रजिस्ट्रेशन अधिनियम 1899 के तहत कार्रवाई होती है।
– प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री नहीं करने पर ग्रुप हाउसिंग मालिक और प्रॉपर्टी खरीदने वालों पर केस दर्ज होगा।
– अधिनियम की धारा-29 के मुताबिक क्रेता के नहीं देने पर विक्रेता भी स्टांप शुल्क अदा कर सकता है।
– स्टांप शुल्क चोरी पकड़े जाने पर बकाया समय के हिसाब से 1.5 प्रतिशत प्रति महीने की दर से ब्याज और पेनल्टी लगती है।
– स्टांप रजिस्ट्रेशन ऐक्ट की धारा-47ए तहत दर्ज केस में कुल स्टांप शुल्क बकाया का चार गुना पेनल्टी लग सकती है।
– स्टांप शुल्क बकाया नहीं देने पर संबंधित प्रॉपर्टी प्रशासन नीलाम कर सकता है।