इन डिफॉल्टर्स के पास है बैंकों का 1 लाख करोड़ से अधिक का बकाया, लिस्ट में शामिल हैं ये लोग
देश के बड़े विलफुल डिफॉल्टर्स के पास बैंकों का करीब 1.1 लाख करोड़ रुपये बकाया है। हालांकि यह पिछले साल 30 सितंबर तक का आंकड़ा है, जिसके और बढ़ने की आशंका है।
इस डायमंड कारोबारी पर है सबसे ज्यादा बकाया
11 टॉप डिफॉल्टर्स पर 26 हजार करोड़ रुपये का बकाया है। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक देश में 9 हजार अकाउंट हैं, जिन पर बैंकों ने रिकवरी के लिए कोर्ट में केस दर्ज कर रखा है। बकायेदारों की लिस्ट में सबसे पहला नाम एक डायमंड कारोबारी का है।
यह शख्स ना तो नीरव मोदी है और ना ही मेहुल चोकसी है। बल्कि Forever ज्वेलरी और डायमंड लिमिटेड का मालिक जतिन मेहता है। मेहता पर बैंकों का करीब 5500 करोड़ रुपये बकाया है। जतिन फिलहाल एक टैक्स हेवन देश सेंट कीट्स एंड नेविस का नागरिक है, जिसके साथ भारत की प्रत्यपर्ण संधि नहीं है।
टॉप 4 में शामिल हैं ये लोग, कंपनियां
टॉप 4 में जतिन मेहता के बाद किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या का नंबर आता है, जिस पर 3 हजार करोड़ रुपये का बकाया है। तीसरे नंबर पर कोलकाता की कंपनी REI Agro का मालिक संदीप झुनझुनवाला का नाम है, जिस पर 2730 करोड़ रुपये बकाया है। संदीप की कंपनी एक समय में लंदन और सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड थी। इसके साथ ही वो आईपीएल की एक टीम की को-स्पांसर भी थी।
चौथे नंबर पर महुआ मीडिया के मालिक पीके तिवारी का नाम है। तिवारी चार कंपनियों- महुआ मीडिया, पर्ल स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड, सेंचुरी कम्यूनिकेशन और पिक्सिन मीडिया पर 2416 करोड़ का बकाया है। वहीं पांचवे नंबर पर जूम डेवलपर्स का स्थान है, जिसका 2371 करोड़ रुपये बकाया चल रहा है।
दो हजार करोड़ से कम है इन पर बकाया
जिन कंपनियों पर एक हजार से लेकर के 2 हजार करोड़ के बीच बकाया है उनमें रीड एंड टेलर इंडिया लिमिटेड और एस कुमार्स नेशनवाइड लिमिटेड, डेक्कन क्रोनिकल होल्डिंग लिमिटेड, सूर्या विनायक लिमिटेड, इंडियन टेक्नोमेक कंपनी लिमिटेड, बेटा नापथोल और राजा टेक्सटाइल लिमिटेड शामिल है।
एक साल में 27 फीसदी बढ़ा बकाया
डाटा के अनुसार बैंकों के खराब लोन में पिछले एक साल में 27 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। पिछले तीन सालों में यह क्रमशः 38 फीसदी, 67 फीसदी और 35 फीसदी के रेट से बढ़ा है।
ये लोग होते हैं विलफुल डिफॉल्टर
विलफुल डिफॉल्टर वो लोग होते हैं जिनके पास लोन की रकम चुकाने की क्षमता तो होती है, लेकिन वो पैसा वापस नहीं करते हैं। यह लोग लोन की रकम को भी किसी और काम के लिए डायवर्ट भी कर देते हैं। जो लोग अपनी संपत्ति को बैंक के पास लोन लेने के लिए गिरवी रखते हैं, लेकिन उसे बैंक की जानकारी के बिना बेच देते हैं, उनको भी इसी श्रेणी में रखा जाता है।