चौक चौराहे पर होलिकोत्सव दहन मण्डप, साज-सज्जा और सांस्कृतिक कार्यक्रम
लखनऊ। ऐतिहासिक स्थल चौक में इस वर्ष भी परम्परागत होरियारों का जुलूस अपनी महक से लखनऊ की सरजमी को सराबोर कर देगा। विगत 6 दशकों से अनवरत आयोजित होने वाले जुलूस में घोड़ों एवं ऊंटों पर सवार होली के रंगों में मदमस्त होरियारों द्वारा गुलाल, पुष्प वर्षा एवं होली गीतों से सम्पूर्ण क्षेत्र ही गुलाबी हो जाता है जब रंग-बिरंगे गुलाल हवा में उड़ते तो आसमान में एक इन्द्रधनुषी छटा सी छा जाती और क्षेत्र के जनमानस के पटल पर अपनी अमिट छाप छोड़ जायेगी। यह सभी दृश्य देखते ही बनते हैं, इस जुलूस का नेतृत्व पूर्व सांसद लालजी टण्डन, डॉ. दिनेश शर्मा, आशुतोष टण्डन, गोविन्द शर्मा इत्यादि करते हैं। चौक कोनेश्वर से प्रारम्भ हुआ जुलूस कमला नेहरू मार्ग, मेडिकल क्रासिंग, विक्टोरिया स्ट्रीट, मेफेयर तिराहा, अकबरी गेट, तहसीन मस्जिद, गोटा बाजार, चौक सर्राफा होता हुआ चौक चौराहे पर विश्राम लेता है। इस जुलूस में होरियारा सम्मान भी दिया जाता है। होली मेला लखनऊ मंें नवाब कालीन ऐतिहासिक धरोहर का प्रतीक हैं यह मेला 158 साल की यादों को अपने में समेटे हुए है। बादशाह गाजीउद्दीन हैदर ने हिन्दू त्यौहारों को धूमधाम से मनाने की परम्परा की शुरुआत की थी। मेले ने स्वतः ही लगते-लगते एक विशाल मेले का रूप ले लिया। मेले में विभिन्न समाजों जैसे सारस्वत सभा, स्वर्णकार सभा, अग्रवाल सुहृद समाज, लखनऊ व्यापार मण्डल एवं अन्य समाजों के होली मिलन कैम्प लगेंगे, जिनमें लालजी टण्डन, उपण्मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, माननीय मंत्री आशुतोष टण्डन, बृजेश पाठक, पंकज सिंह, मोहसिन रजा विधायक डॉ. नीरज बोरा, सुरेश श्रीवास्तव, बुक्कल नवाब आदि भी प्रत्येक वर्ष हर्ष व उत्साह के साथ होली का त्योहार मनाते रहे हैं। विभिन्न व्यापार मण्डलों द्वारा ठण्डाई एवं पान खिलाकर लोगों को बधाइयां दिये जाने की व्यवस्था की गयी है।