स्वास्थ्य

बीमारियों से लड़ने नहीं देती प्रोटीन की कमी

बेहतर स्वास्थ्य और सेहत के लिए पोषित आहार लेना जरूरी है। पोषित आहार में शामिल है प्रोटीन। प्रोटीन की कमी होने पर सेहत से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। यह बात दिल्ली की न्यूट्रिशनिस्ट कविता देवगन ने प्रोटिनेक्स द्वारा राणा प्रताप मार्ग स्थित एक निजी होटल में आयोजित कॉन्फ्रेंस में बताई। उन्होंने बताया कि प्रोटीन की आवश्यकता हमारे वजन और कैलोरी इनटेक पर निर्भर करती है। कुल कैलोरी का 20 से 35 प्रतिशत प्रोटीन से आना चाहिए। अगर हम प्रतिदिन 2,000 कैलोरी का सेवन करते हैं, तो उसमें से 600 कैलोरी प्रोटीन से मिलना चाहिए। बीमारियों से लड़ने नहीं देती प्रोटीन की कमी

पर्याप्त प्रोटीन नहीं लेने से जोड़ों में मौजूद तरल पदार्थ का निर्माण कम हो जाता है, जिससे शरीर का लचीलापन घट जाता है। 
• शरीर में प्रोटीन की कमी से सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या कम होती जाती है। 
• हीमाग्लोबिन कम हो सकता है। 
• रक्त में शर्करा का स्तर कम हो जाता है। 
• प्रोटीन की कमी से बार-बार भूख लगती है। 
• अगर सही मात्रा में प्रोटीन नहीं लिया गया, तो इसका आपके बाल और नाखूनों पर नकारात्मक असर होता है। 
• रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आने से आप बार-बार बीमार होने लगते हैं। शरीर में दर्द बना रहता है। 

प्रोटीन की कमी के लक्षण 

दूध: दूध न सिर्फ प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है, बल्कि इसमें कैल्शियम और विटामिन डी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। 
साबुत अनाज और दाल: अनाज और दाल में भरपूर प्रोटीन होता है। शाकाहारीयों को प्रोटीन के लिए प्रतिदिन 45 ग्राम मेवे और 2/3 कप फलियों की आवश्यकता होती है। 
अखरोट: इसमें विटामिन बी कॉम्प्लेक्स विशेष रूप से बी6 और कई मिनरल जैसे आयरन, मैग्नीशियम, कॉपर और जिंक भी काफी मात्रा में होते हैं। 
बीन्स और सी फूड: इसमें प्रोटीन के साथ फाइबर भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। 
अंडा: अंडे में सबसे अच्छी क्वालिटी का प्रोटीन होता है, जिसे एक स्वस्थ इंसान बिना किसी स्वास्थ्य समस्या के रोजाना एक अंडा खा सकता है।

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