गर्भावस्था में पैरों में बिछिया पहनने से मिलते हैं चमत्कारी फायदे, क्या आप जानते हैं
बिछिया पहनने के फायदे : भारतीय संस्कृति में शादीशुदा महिलाओं के पैरों में बिछिया पहनने की परम्परा काफी पुरानी है जिसे आज के आधुनिक युग में भी महिलाएं निभाती चली आ रही हैं.. लेकिन अगर आप ये सोचते हैं कि शादीशुदा महिलाएं इसे सिर्फ साज-श्रृंगार के लिए बिछिया पहनती हैं तो आप पूरी तरह सही नहीं है क्योंकि हमारी हर परम्परा और रीति रिवाज के पीछे कोई ना कोई वैज्ञनिक तथ्य छुपा होता है और बिछिया पहनने के रीति की भी असली वजह ऐसी है .. असल में पैरों की उंगलियों में बिछिया पहनने से महिलाओं को कई सारे स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं विशेषकर गर्भवती महिलाओं को ।
यहीं वजह है कि हिंदु धर्म में शादी के बाद महिलाओं का बिछिया पहनना अनिवार्य है ताकि आगे चलकर मां बनने के दौरान उन्हें इसके लाभ मिल सके। आज हम गर्भावस्था के दौरान बिछिया पहनने से होने वाले कुछ ऐसे ही फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं।
बिछिया पहनने के फायदे , 1. एक्यूप्रेशर के जरिए गर्भाशय को लाभ
दरअसल एक्यूप्रेशर के रूप में पैरों की उंगलियों से गर्भाशय का सीधा संबंध होता है।ऐसे में बिछिया पहनने से पैरों की उंगलियों पर पर्याप्त दबाव पड़ता है जिससे गर्भाशय के लिए अच्छा माना जाता है और गर्भाशय में पल रहे बच्चे पर ये सकारात्मक प्रभाव डालता है । इसलिए अगर आप गर्भावस्था से गुजर रही हैं तो आपको पैरों की उगंलियों में बिछिया जरूर पहननी चाहिए।
2. मानसिक शांति
पैर में चांदी की बिछिया पहनने से गर्भवती महिलाओं को मानसिक शांति और तनाव से छुटकारा मिलता है जो कि महिला के साथ-साथ बच्चे के लिए भी बेहद लाभदायी होता है। गर्भावस्था में वैसे भी महिला का शांतचित्त होना बेहद जरूरी है ऐसे में बिछिया धारण करने से महिला को मानसिक स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
3. ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है
नियमित रूप से बिछिया पहनने से ये रक्त चाप नियंत्रित करने में भी सहायक होता है। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान बिछिया पहनने से हमेशा रक्तचाप जांच कराने की चिंता नहीं करनी पड़ती है बल्कि बिछिया धारण करने से महिला का स्वास्थ्य भी बिल्कुल सही रहता है ।
4. सकारात्मक ऊजा मिलती है
बिछिया, चांदी या दूसरे धातु की ही पहनी जाती हैं और चूंकि हर तरह की धातु ऊर्जा की अच्छी सुचालक होती है। ऐसे में बिछिया पहन कर गर्भवती महिलाएं जब जमीन पर टहलती हैं तो इससे वो सकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित कर लेता है और फिर वो उस ऊर्जा को शरीर में संचारित करता है। ऐसे में बिछिया पहनने से शरीर को प्रयाप्त ऊर्जा मिलती है जो कि गर्भावस्था के लिए बेहद फायदेमंद हैं। बिछिया ऊर्जा के प्रवाह को गर्भाशय में संतुलित करता है जो कि गर्भाशय में पल रहे बच्चे को सहजता प्रदान करने में मदद करता है और गर्भाशय से सम्बंधी समस्याओं को दूर करता है।
5. गर्भधारण करने में सहायक
पैर की बीच की उंगली में बिछिया पहनने से ये नर्व पर दबाव डालता है और इससे मासिक धर्म का अनियमितता दूर होती है और पीरियड रेगुलर होता है जिससे की महिलाओं को गर्भधारण करने में आसानी होती है। इसलिए अगर किसी महिला को अनियमित मासिक धर्म की वजह से प्रेगनेंसी में दिक्कत आ रही हो तो उसे बिछिया जरूर पहननी चाहिए।