उत्तर प्रदेशलखनऊ
दोषी पाये जाने पर होमगार्ड का निष्कासन
लखनऊ। सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जनपद मुजफ्फरनगर निवासी अनिल कुमार ने मई 2017 को जिला कमान्डेट होमगार्ड, मुजफ्फरनगर से जानकारी चाही थी कि एच जी परवेन्द्र कुमार, नगर कम्पनी भूसे के ट्रैक्टर से सी.ओ. द्वारा अवैध वसूली चुंगी नं. 2 रंगे हाथों पकड़ा गया।
थाना कोतवाली द्वारा मुकदमा 3 माह जेल काट कर जमानत पर आया किस आधार पर ड्यूटी पर बहाल किया गया, आदि से सम्बन्धित की प्रमाणित छायाप्रतियां मांगी थी, लेकिन विभाग द्वारा वादी को कोई जानकारी नहीं दी गयी। अधिनियम के तहत सूचनाएं प्राप्त न होने पर वादी ने राज्य सूचना आयोग में अपील दाखिल कर प्रकरण की जानकारी मांगी। राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने जिला कमान्डेट होमगार्ड, मुजफ्फरनगर को सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 की धारा 20 (1) के तहत नोटिस जारी कर आदेशित किया कि वादी द्वारा उठाये गये, बिन्दुओं की बिन्दुवार सभी सूचनाएं अगले 30 दिन के अन्दर अनिवार्य रूप से वादी को उपलब्ध कराते हुए आयोग को अवगत करायें। विजय कुमार सिंह जिला कमान्डेट होमगार्ड, मुजफ्फरनगर ने बताया कि होमगार्ड अनिल कुमार एवं धीर सिंह अपने महत्वपूर्ण ड्यूटी प्वाइन्ट को छोड़कर टीएसआई की बिना अनुमति के जाने तथा ट्रक को नो एण्ट्री में ले जाने अथवा निजी वाहन से बैटरी चोरी व रिकार्डर से भी छेड़छाड़ तथा उक्त द्वारा अपने स्वार्थ लाभ के लिए ले जाने से इन्कार नहीं किया जा सकता। इस प्रकार उनके द्वारा अपनी ड्यूटी के प्रति घोर लापरवाही, उपेक्षा की गयी है, जिसके लिए होमगार्ड दोषी है।
उक्त प्रश्नगत प्रकरण की प्रारम्भिक जांच क्षेत्राधिकारी सदर, मुजफ्फरनगर द्वारा आख्या सम्पादित की गयी, जिसमें होमगार्ड 1503 अनिल कुमार एवं होमगार्ड 1476 धीर सिंह को दोषी पाया गया। आख्या पर अधोहस्ताक्षरी द्वारा उक्त दोनों 1503 अनिल कुमार एवं 1476 धीर सिंह होमगार्ड का निष्कासन ड्यूटी के प्रति लापरवाही एवं अनुशासनहीनता में किया गया। इस आशय की जानकारी प्रतिवादी ने आयोग को दी है।