लखनऊ : आर्यकुल ग्रुप ऑफ कालेज में स्थानीय प्रशासन की ओर से महिला सशक्तिकरण पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सरोजनी नगर क्षेत्र के सीओ लाल प्रताप सिंह, एसओ सरोजनी नगर डीके शाही, स्थानीय चौकी प्रभारी संतोष सिंह, महिला पुलिस आदि के साथ आर्यकुल सभागार में महिला शिक्षकों व छात्राओं को महिला सशक्तिकरण के लिए जागरूक किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सीओ लाल प्रताप सिंह व प्रबंध निदेशक आर्यकुल सशक्त सिंह द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। कालेज प्रशासन ने महिला जागरूकता के लिए आयी पूरी टीम का स्वागत पुष्प गुच्छ देकर किया।
लाल प्रताप सिंह ने महिला शिक्षकों व छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा 8 मार्च को महिला सशक्तिकरण दिवस को हम सभी मिलकर सफल बनाना है और यह संकल्प लेना है कि किसी भी महिला कि साथ किसी भी प्रकार का अन्याय न हो। इसके लिए सबसे जरूरी बात यह है चुप्पी तोड़ो खुलकर बोलो अर्थात किसी भी अन्याय के प्रति खुलकर आवाज उठाओं क्योंकि अगर हम आज के युग में अगर अन्याय के प्रति जागरूक नहीं होते हैं तो यह हमारी ही गलती है इसलिए सबसे पहले तो हमें इसी बात के लिए जागरूक होना है और अपनी चुप्पी तोड़कर अन्याय के प्रति खुलकर आवाज उठाना है। इसके साथ ही श्री लाल द्वारा सभी को प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं के लिए चलाई जा रही सुरक्षा सम्बन्धी एजेंसियों के बारे में पूरी जानकारी दी और कहा कि प्रदेश सरकार का मुख्य एजेंडा है कि किसी भी महिला के साथ किसी भी प्रकार का कोई अन्याय न हो। उन्होंने सभी को पावर एंजेल, 1090, आशा ज्योति, डायल 100 आदि के बारे में महिलाओं को जागरूक किया और कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं को सुरक्षा देने के लिए इन योजनाओं का सफल संचालन किया जा रहा है कि अगर किसी को किसी प्रकार से परेशान किया जा रहा है या घरेलू हिंसा के द्वारा सताया जा रहा है तो उनके द्वारा सरकारी स्तर पर तुरंत सहायता की जायेगी। इस अवसर पर बोलते हुए प्रबंध निदेशक सशक्त सिंह ने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्हें सामाजिक और पारिवारिक सीमाओं को छोड़ उन्हें अपने मन, विचार, अधिकार, निर्णय आदि से सभी पहलुओं में स्वतंत्र बनाने कि आवश्यकता है। पुरुष और महिला को सामान रूप से सम्मान और कार्य मिलने की जरूरत है।
महिला सशक्तिकरण प्रभावी होना समाज, देश और दुनिया के उज्जवल भविष्य के लिए बहुत ही आवश्यक है। देश को पूरी तरीके से विकसित बनाने के लिए महिलाओं को सशक्त बनाना बहुत ही जरूरी है। इसके साथ ही एसओ डी के शाही ने सम्बोधित करते हुए कहा कि पुराने समय में भी महिलाओं के साथ अन्याय जैसे सती प्रथा, दहेज प्रथा, नगरवधू प्रणाली, यौन उत्पीड़न, पर्दा प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या, लड़कियों से कम उम्र में काम करवाना, बाल विवाह होते थे। हांलाकि आज इनमें से ज्यादातर चीजें सरकार व समाज के प्रयास से समाप्त हो चुकी है परंतु आज भी कुछ ऐसी बाधाएं हैं जिनके कारण महिलाएं सशक्त नहीं हो पा रही है जिन्हें हमें मिलकर दूर करना होगा और सभी को महिला सशक्तिकरण के लिए जागरूक करना होगा जिससे कि समाज में इस तरह की व्याप्त बुराइयां पूरी तरह से समाप्त हो सकें। इसके साथ ही स्थानीय चौकी प्रभारी संतोष कुमार सिंह ने वहां उपस्थित सभी छात्राओं व महिला शिक्षकों को महिलाओं के अधिकार के प्रति जागरूक किया और कहा कि अगर किसी भी महिला को किसी भी प्रकार की समस्या हो तो वह सरकार द्वारा चलायी जा रही सेल्फ डिफेंस एजेंसियों की तुरंत सहायता ले सकते हैं। इसके साथ ही सवाल जवाब सत्र में कालेज की पत्रकारिता की छात्रा अतका ऐरम व फार्मा की छात्रा मेहर रियाज ने प्रशासन के सामने अपनी बातें रखी और महिलाओं की समस्याओं से प्रशासन को अवगत कराया जिसका जवाब देते हुए लाल प्रताप सिंह ने सभी को आतापकालीन समस्या आने पर उससे कैसा लड़ा जाए इसके बारे में खुलकर बताया। जिसका तालियों के साथ स्वागत किया गया। अन्त में प्रशासन की ओर से छात्राओं को प्रोत्साहन देने कि लिए मेहर को उसकी जागरूकता के लिए 1000 रुपये नगद पुरस्कार प्रदान किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से कालेज के रजिस्ट्रार सुदेश तिवारी, शोध निदेशक आर्यकुल कालेज डॉ. विक्रांत , एच आर हेड नेहा वर्मा, डॉ. स्तुति वर्मा, प्रभारी कार्यक्रम रश्मि सागर, स्वाती सिंह, आशुतोष यादव, आकांक्षा सिंह, अब्दुल रब खान, नीलम भास्कर, धनेश प्रताप सिंह, पंकज यादव, नरेन्द्र प्रताप सिंह, रोहित वर्मा, अंकुर, कल्याणी समेत कई लोग कार्यक्रम में मौजूद रहे।