छत्तीसगढ़ के सुकमा स्थित किस्टाराम एरिया में मंगलवार को नक्सलियों ने आइइडी विस्फोट की घटना को अंजाम दिया। इस विस्फोट में सीआरपीएफ के 212 बटालियन के नौ जवान शहीद हो गए। इसके अलावा सीआरपीएफ के 6 जवान घायल हैं जिसमें से चार की हालत गंभीर बतायी जा रही है। घायल जवानों को हेलीकॉप्टर के जरिए रायपुर पहुंचाया जा रहा है।
शहीद जवानों के शवों को हेलीकॉटर से रायपुर पहुंचाया जाएगा। परिवारों को सूचित किए जाने के बाद इनका विवरण सार्वजनिक किया जाएगा। डीजी सीआरपीएफ छत्तीसगढ़ के लिए रवाना हो गए हैं। स्पेशल डीजी डीएम अवस्थी (नक्सल ऑपरेशंस) ने कहा, हमले में 9 लोग मारे गए, घायलों को जगदलपुर या रायपुर ले जाया जा गया। यह हमारे लिए सच में दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमने साहसी जवानों को खो दिया। सुकमा हमले पर बीएसएफ के पूर्व डीजी एसके सूद ने कहा, इस इलाके में बड़े नुकसान हुए हैं, इसका मतलब सीआरपीएफ उचित कार्रवाई नहीं कर रही है, हमें गलतियों से सीखना चाहिए।
गृहमंत्री ने ट्वीट कर जताया दुख
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर नक्सली हमले में शहीद जवानों के प्रति दुख और संवेदना जाहिर की। उन्होंने ट्वीट में कहा,’शहीद जवानों के परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं हैं। घायल सैनिकों के शीर्घ स्वस्थ होने की कामना करता हूं। मैंने सुकमा घटना के बारे में डीजी सीआरपीएफ से बात की और छत्तीसगढ़ जाने को कहा है।’ नक्सल रोधी ऑपरेशन के स्पेशल डीजी, डीएम अवस्थी ने बताया, ‘किस्टाराम से पलोडी जा रही पैट्रोलिंग पार्टी पर नक्सलियों ने आइइडी ब्लास्ट किया। अतिरिक्त सैन्य बल मौके पर पहुंच गयी है। फिलहाल फायरिंग बंद है।’
गश्त करने निकली थी बटालियन
बताया जा रहा है कि किस्टाराम कैंप से 212 बटालियन की टीमें गश्त में निकली थी। तभी करीब साढ़े सात बजे सुबह नक्सलियों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी। करीब 150 की संख्या में नक्सली वहां पर थे। उन्होंने जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरु कर दी। इसके जवाब में जवानों ने मोर्चा संभाला। इस दौरान नक्सलियों ने कई विस्फोट किए। नक्सली जंगल का फायदा उठाकर भाग गए। शुरुआती दौर में पुलिस की ओर से दावे किए जा रहे हैं कि मुठभेड़ में नक्सली भी मारे गए हैं। हालांकि संख्या को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। इस घटना को लेकर आईबी का पहले से अलर्ट था। इसमें नक्सलियों द्वारा बड़ी घटना को अंजाम देने की साजिश करना बताया गया था।
बता दें कि मुख्यमंत्री रमन सिंह ने एक दिन पहले बस्तर संभाग के कांकेर जिले के घुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र इंजरम में लोक सुराज अभियान की शुरुआत की थी। सीएम ने यहां चौपाल लगाकर लोगों की समस्या सुनीं थी और बाइक से इस इलाके का दौरा किया था।
29 नक्सलियों ने किया था आत्मसमर्पण
इससे पहले सुकमा के भेज्जी थाना क्षेत्र के एलारमडुगु और वीरभट्टी जैसे गांवों से आए 29 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। इनमें 11 महिलाएं भी शामिल थीं। इसी गांव में 18 फरवरी को 20 नक्सलियों को मार गिराया गया था। इस मुठभेड़ में दो जवान शहीद भी हुए थे।
अब तक के बड़े नक्सली हमले
25 मई 2013 : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में एक हजार से ज्यादा नक्सलियों ने कांग्रेस के परिवर्तन यात्रा पर हमला कर दिया। इस हादसे में कांग्रेस नेता विद्याचरण शुक्ल, महेंद्र कर्मा और नंदकुमार पटेल समेत 25 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
6 अप्रैल 2010: दंतेवाड़ा जिले के चिंतलनार जंगल में नक्सलियों ने सीआरपीएफ के 75 जवानों सहित 76 लोगों की हत्या कर दी।
4 अप्रैल 2010: ओडिशा के कोरापुट जिले में पुलिस की एक बस पर हमला, विशेष कार्य दल के 10 जवान मरे, 16 घायल।
23 मार्च 2010: बिहार के गया जिले में रेलवे लाइन पर विस्फोट करके भुवनेश्वर-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस को पटरी से उतारा। इसी दिन ओडिशा की रेलवे पटरी पर हमला करके हावड़ा-मुंबई लाइन क्षतिग्रस्त की।
15 फरवरी 2010: पश्चिम बंगाल के सिल्दा में करीब 100 नक्सलियों ने पुलिस कैंप पर हमला करके 24 जवानों की हत्या की, हथियार लूटे।8 अक्टूबर 2009: महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में लाहिड़ी पुलिस थाने पर हमला करके 17 पुलिसवालों की हत्या की।