पटना। चार विधायकों की विधायकी समाप्त करने के मामले में पटना हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि जिस प्रकार विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) ने इनकी विधायकी समाप्त करने का आदेश दिया है, वह कानूनन गलत है। अदालत ने स्पीकर के आदेश को रद्द करते हुए विधायकी बरकरार रखने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति ज्योतिशरण की एकलपीठ ने विधायक ज्ञानेंद्र कुमार सिंह, रवींद्र राय, नीरज कुमार सिंह और राहुल कुमार की रिट याचिका पर सुनवाई के बाद 57 पन्ने का आदेश जारी किया। कोर्ट के आदेश पर प्रधान अपर महाधिवक्ता ललित किशोर ने कहा कि एकलपीठ के आदेश को खंडपीठ में चुनौती दी जाएगी। वहीं विधानसभा के अधिकारी ने कहा कि आदेश को देखकर एलपीए (अपील) दायर की जाएगी। कोर्ट ने कहा कि जिस मुद्दे पर आवेदकों की विधायकी समाप्त की गई है, वह कानून की नजर में सही नहीं है। आवेदकों ने जदयू के उम्मीदवार शरद यादव के पक्ष में मतदान किया, जिससे लगता है कि ये पार्टी विरोधी कार्रवाई में शामिल नहीं थे। स्पीकर ने अपने आदेश में इसका जिक्र नहीं किया है। यहां तक कि स्वेच्छा से दल छोड़ने के बारे में कोई चर्चा नहीं की है। कोर्ट का कहना था कि विधायकों का बर्ताव संपूर्ण रूप से देखा जाना चाहिए न कि एक घटना से पूर्वाग्रह ग्रसित होकर।
अदालत का मानना है कि सूचक श्रवण कुमार ने ऐसा कोई भी साक्ष्य नहीं दिया, जिससे पता चल सके सभी विधायक पार्टी व दल विरोधी कार्रवाई में शामिल थे। इस मामले को दल विरोधी कानून के दायरे में नहीं लाया जा सकता है। कोर्ट ने स्पीकर के एक नवंबर 2014 के आदेश को रद्द करते हुए आवेदकों की विधायकी बरकरार रखने का आदेश दिया। इससे पहले मंगलवार की सुबह साढ़े दस बजे ही विधायक ज्ञानेंद्र कुमार सिंह, रवींद्र राय सहित विधानसभा के कर्मचारी और अन्य विधायकों के परिजन कोर्ट पहुंच चुके थे। विधायकों के वकील एसबीके मंगलम, मंत्री श्रवण कुमार व स्पीकर की ओर से सीनियर वकील की जगह सहयोगी वकील भी मौजूद थे। जैसे ही जज ने फैसला सुनाया कई वकीलों ने विधायकों को बधाई दी।