भारत में कई दलों के साथ काम करती है फेसबुक डेटा लीक में शामिल कंपनी, हनीट्रैप का भी लेती है सहारा!
अमेरिका में फेसबुक डेटा लीक की खबरों के बीच भारत के लिए भी चिंता की कई बातें सामने आ रही हैं. इस डेटा लीक केस में लिप्त मानी जा रही ब्रिटेन की कंपनी कैम्ब्रिज एनालिटिका के क्लाइंट्स में भारत में भी हैं. ऐसी खबरें आ चुकी हैं कि ये कंपनी भारत में कई राजनीति दलों के लिए काम करती रही है. चौंकाने वाली खबर तो यह भी आ रही है कि एनालिटिका विरोधियों की छवि खराब करने के लिए हनीट्रैप और घूसखोरी तक का सहारा लेती है.
क्या है मामला
गौतरलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की मदद करने वाली एक फर्म ‘कैम्ब्रिज एनालिटिका’ पर लगभग 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स के निजी जानकारी चुराने के आरोप लगे हैं. इस जानकारी को कथित तौर पर चुनाव के दौरान ट्रंप को जिताने में सहयोग और विरोधी की छवि खराब करने के लिए इस्तेमाल किया गया है.
ब्रिटेन के अखबार गार्जियन द्वारा किए गए एक स्टिंग ऑपरेशन से अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कैम्ब्रिज एनालिटिका के गंदे खेल का खुलासा हुआ है. कंपनी ने 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स के डेटा को अवैध तरीके से हासिल किया और इनकी मदद से डोनाल्ड ट्रंप को जिताने के लिए काम किया. हालांकि कंपनी इस आरोप से इंकार कर रही है. स्टिंग में कंपनी के शीर्ष अधिकारियों ने यह स्वीकार किया कि वे अपने क्लाइंट के विरोधी उम्मीदवारों की छवि खराब करने के लिए घूसखोरी और हनीट्रैप का भी सहारा लेते हैं.
इन अधिकारियों ने बताया कि कंपनी ने अमेरिका के अलावा भारत, नाइजीरिया, केन्या, चेक रिपब्लिक और अर्जेंटीना जैसे दुनिया के कई देशों के 200 से ज्यादा चुनावों के लिए काम किया है. इस बीच फेसबुक ने मामले की जांच शुरू की है और कैम्ब्रिज एनालिटिका को अपने प्लेटफॉर्म पर आने से फिलहाल रोक दिया है.
भारत के लिए भी चिंता की वजह
भारत में साल 2014 के लोकसभा चुनावों से प्रचार के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल व्यापक तौर पर शुरू हुआ था. इसमें बीजेपी और पीएम मोदी सबसे आगे थे. खबर यह है कि कांग्रेस 2019 के चुनाव के लिए कैम्ब्रिज एनालिटिका के साथ काम करने के लिए बात कर रही थी. केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसे लेकर कांग्रेस और राहुल गांधी से जवाब मांगा है.
ऐसा माना जाता है कि लोकसभा चुनाव और उसके बाद बिहार एवं यूपी के विधानसभा चुनावों में बड़े पैमाने पर डेटा एनालिसिस का इस्तेमाल किया गया. अगले चुनावों में भी पार्टियां रणनीति बनाने के लिए बड़े पैमाने पर ऐसे डेटा एनालिसिस पर निर्भर रहेंगी. ऐसे में भारत में भी फेसुबक या अन्य सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वालों के निजी डेटा के लीक होने को लेकर चिंता बढ़ गई है.
जेडीयू नेता के बेटे की कंपनी के साथ काम!
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार भारत में कैम्ब्रिज एनालिटिका की पैरेंट कंपनी स्ट्रेटेजिक कम्युनिकेशंस लेबारेटरीज (SCL) एक स्थानीय कंपनी ओवलेनो बिजनेस इंटेलीजेंस (OBI) के साथ मिलकर काम करती है. इस कंपनी ने अपनी वेबसाइट में बताया है कि बीजेपी, कांग्रेस और जेडीयू उसके ग्राहकों में हैं.
दिलचस्प यह है कि OBI के मालिक जनता दल यू नेता केसी त्यागी के बेटे अमरीश त्यागी हैं. हालांकि त्यागी ने कहा कि ओबीआई ने सोशल मीडिया या डिजिटल मीडिया का कोई काम नहीं किया है और वह राजनीतिक दलों के साथ जमीन पर काम करती है. उन्होंने कहा कि उनका फर्म किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि में शामिल नहीं रहा है.