ज्योतिषाचार्य पंडित संतराम के अनुसार, वैसे तो हनुमान जयंती चैत्र मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। लेकिन इस बार यह नौ साल बाद मार्च में पड़ रही है। इसलिए शुभ मूहूर्त में पूजा करेंगे तो अच्छा प्रभाव होगा और सारे कष्ट भी दूर होंगे।
इस बार पूर्णिमा तिथि 30 मार्च शाम 7 बजकर 35 मिनट से 31 मार्च को शाम 6 बजकर 6 मिनट तक रहेगी। इसलिए इस समय में पूजा करें और हनुमान जी के आगे दिया जलाएं।
सबसे पहले पूर्व या उत्तर की ओर मुंह करके लाल आसन पर बैठ जाएं। साफ धुले हुए कपड़े पहनकर पूजा करें।
हनुमान जी का अलग स्थान लगाएं। इस पर लाल वस्त्र बिछाकर तांबे की प्लेट पर लाल पुष्पों का आसन देकर हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करें। मूर्ति पर सिंदूर से टीका लगाएं और लाल पुष्प चढ़ाएं।
सरसों के तेल का दिया जलाएं और धूप दीप और चावल अर्पित करें। साथ ही बूंदी का प्रसाद चढ़ाएं। इस प्रसाद को सबको बांट दें।