विभिन्न मांगों को लेकर रामलीला मैदान में आमरण अनशन पर बैठे समाजसेवी अन्ना हजारे की भूख हड़ताल छठे दिन में प्रवेश कर गई है वहीं, उन्हें मनाने की केंद्र सरकार ने कोशिशें तेज कर दी हैं। उधर, अन्ना हजारे ने भी उम्मीद जताई है कि सरकार से जैसे संकेत मिले हैं उससे उनका आंदोलन जल्द खत्म हो जाएगा।
आंदोलन के पांचवें दिन सुबह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस दिल्ली पहुंचे। इसके बाद वह अन्ना की मांगों का ड्राफ्ट लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंचे। अन्ना ने देर शाम बताया कि सरकार से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की बातचीत चल रही है। हम जिन 11 मांगों की बात कर रहे हैं। उस पर सरकार कह रही है कि उनमें से कई मांगों के लिए संसद पर चर्चा करनी होगी। इसके लिए वक्त चाहिए। ऐसे में वह समयबद्ध वादे की मांग कर रहे हैं।
रात्रि में महाराष्ट्र सरकार के मंत्री गिरीश महाजन अन्ना से मिलने दोबारा पहुंचे। देर रात तक उनकी अन्ना से बातचीत जारी थी। इससे पहले पत्रकारों से बातचीत में हजारे ने बताया कि हमारी तीन मुख्य मांगें हैं। सरकार से कहा है कि किसानों से संबंधित जितनी मांगें संभव हैं, वे तत्काल मानी जाएं।
सरकार की मध्यस्थता के बाद लोगों में बढ़ी उम्मीद
अनशन के पांचवें दिन रामलीला मैदान में भीड़ और दिनों से अधिक रही। सोमवार को सरकार की ओर से मध्यस्थता की प्रक्रिया शुरू करने से धरनास्थल पर जुटे किसान उत्साहित दिखे। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश समेत कई राज्यों के किसान परिवार समेत धरना स्थल पर बैठे हैं। कई ऐसे संगठन भी यहां पहुंचे हैं जो लंबे समय से अपनी मांगों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।
सुबह 11 बजे पीएसीएल कंपनी के निवेशक बड़ी संख्या में धरनास्थल पहुंचे। उन्होंने अन्ना को समर्थन दिया। उन्होंने यहां अन्ना जी न्याय दिलाओ…जैसे नारे भी लगाए। शाम को बिहार के युवा भी यहां समर्थन देने पहुंचे। केंद्रीय युवाशक्ति नाम के संगठन से जुड़े इन युवाओं ने कहा कि बिहार की ओर से हम अन्ना की ताकत बनकर यहां खड़े हैं। संगठन सदस्य गुलिस्ता चौधरी ने कहा कि हम हर हाल में अन्ना हजारे के साथ हैं।
किसान हुए परेशान, पूरे दिन अनशन खत्म होने की लगाए रहे उम्मीद
अन्ना आंदोलन में दूर-दूर से आई महिला किसानों का सब्र अब जवाब देने लगा है। उनका कहना है कि यहां छोटे बच्चों को लेकर रहना काफी मुश्किल है। जमीन में धूल में लेटने से बच्चों की तबीयत खराब हो रही है। सीतापुर (उप) से आई रानी ने कहा कि हम बीते बुधवार से घर से निकले हैं। रास्ते में दो दिन फंसे रहे। अब बस यही लग रहा है कि जल्दी से मांग पूरी हो जाएं तो घर जाएं।