लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी के के सभासद (पार्षद) एडवोकेट दिलीप श्रीवास्तव ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया है। यह केस बुधवार को लखनऊ के स्पेशल सीजेएम कस्टम की कोर्ट में दर्ज किया गया है। 10 अप्रैल को कोर्ट ने वादी को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया है। 18 मार्च को नई दिल्ली में कांग्रेस के प्लेनरी सेशन को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने भाजपा की मोदी सरकार पर हमला किया था। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था, ”नीरव मोदी पीएनबी को 33 हजार करोड़ रुपए का चूना लगाकर भाग गया। प्रधानमंत्री या वित्त मंत्री घोटालों को लेकर एक शब्द नहीं बोले। नीरव मोदी, उससे पहले ललित मोदी। उन्हीं के सरनेम वाले हमारे प्रधानमंत्री हैं।
मोदी ने मोदी को हजारों करोड़ लोन दिया और वो चला गया। देश में मोदी सरनेम भ्रष्टाचार का पर्याय बन गया है। उन्होंने कहा था कि देश के युवाओं ने जो भरोसा मोदी जी पर किया वह चार सालों के भीतर ही टूट गया है। उनके पास रोजगार नहीं है। उन्होंने युवाओं से पूछा है कि वे क्या करते हैं तो जवाब मिलता है कुछ नहीं। एक तरफ अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है, जैसे कि ये लोग बताते हैं, दूसरी ओर देश में करोड़ों युवा बेरोजगार हैं। राहुल गांधी के खिलाफ यूपी में मानहानि का केस कोई पहली बार नहीं है। बल्कि इसके पहले भी राहुल के खिलाफ मानहानि का परिवाद अलग अलग जिलों में दर्ज कराया जा चुका है, हालांकि इन मामलों का क्या रिजल्ट रहा यह नहीं पता चला है। 2011 में इलाहाबाद के फूलपुर में एक जनसभा में उन्होंने जनता से सवाल किया था कि आखिर यूपी वाले कब तक महाराष्ट्र में जाकर भीख मांगेंगे और पंजाब में मजदूरी करेंगे, इस मामले में भी उन पर मेरठ और बुलंदशहर में सीजीएम कोर्ट में परिवाद दर्ज किया गया था। जबकि 2014 में राहुल ने अपने बयान में आरएसएस को महात्मा गांधी की हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया था और संगठन को हत्यारा कहा था, इस मामले में भी यूपी के लखीमपुर जिले में परिवाद सीजीएम कोर्ट में दर्ज किया गया था। 2016 में जेएनयू छात्रों से मुलाकात को लेकर भी इलाहाबाद में सीजीएम कोर्ट में परिवाद दर्ज किया गया था। इसमें देशद्रोह की धाराओं में मामला दर्ज हुआ था।