शादीशुदा महिलाओं के सुहाग की बहुत सी निशानियां होती हैं, लेकिन इनमें मंगलसूत्र सबसे खास होता है। इसकी तुलना किसी अन्य आभूषण से नहीं की जा सकती है। यह आपसी प्रेम, जीवनभर एक-दूसरे के संग चलने और साथ निभाने का प्रतीक होता है। हिंदू धर्म की मान्यतानुसार, मंगलसूत्र का संबंध पति-पत्नी के प्रगाढ़ संबंधों और पति की लंबी आयु से जुड़ा होता है। इसे धारण करने से महिला का अपने पति से प्रेम बना रहता है। इसी कारण शादी के बाद लड़कियों को मंगलसूत्र पहनाया जाता है।
इसे धारण करने से जहां रिश्ते प्रगाढ़ होते हैं, वहीं संबंधों में भी मधुरता आती है। धार्मिक ग्रंथों में भी मंगलसूत्र की महिमा बताई गई है। इसे धारण करने के जहां धार्मिक लाभ मिलते हैं, वहीं शरीर को भी लाभ पहुंचता है। मंगलसूत्र को विवाह का प्रतीक चिह्न और सुहाग की निशानी माना जाता है। इसलिए विवाह के बाद सुहागन स्त्रियां इसे श्रद्धापूर्वक अपने गले में धारण करती हैं। मंगलसूत्र धारण करने का यह नियम परंपरागत तौर पर सदियों से चला आ रहा है। इसके पीछे मंगलसूत्र में मौजूद चमत्कारिक गुण का होना है।
नहीं होता बुरी नजर का असर
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगलसूत्र में मौजूद सोने पर गुरु ग्रह का प्रभाव होता है। गुरु ग्रह को वैवाहिक जीवन में खुशहाली, संपत्ति एवं ज्ञान का कारक माना जाता है। यह धर्म का कारक भी है। काला रंग शनि का प्रतीक माना जाता है। शनि स्थायित्व एवं निष्ठा का कारक ग्रह होता है। गुरु और शनि के बीच सम-संबंध होने के कारण मंगलसूत्र वैवाहिक जीवन में सुख और स्थायित्व लाने वाला माना जाता है। धर्मशास्त्र में इसका खोना या टूटना अपशकुन माना गया है। एक मान्यता के अनुसार, मंगलसूत्र में सोने के मोती माता पार्वती का प्रतीक हैं, जो शरीर में ऊर्जा और प्रवाह को बनाए रखते हैं। वहीं काले मोती भगवान शिव का प्रतीक हैं, जो बुरी नजर के असर और नकारात्मक ऊर्जा के दोष से बचाते हैं। मंगलसूत्र पति के प्रति प्रेम और आदर का सूचक होता है। मान्यता है कि इससे पति पर आने वाली विपत्तियां दूर होती हैं। कहा जाता है कि मंगलसूत्र पहनने से स्त्री का भाग्य जागता है और बुरी नजर का असर भी नहीं होता।
दिल को रखती है दुरुस्त
सोने के बने मंगलसूत्र का सबसे लाभकारी गुण यह है कि वो दिल को दुरुस्त रखता है। इसके साथ ही मंगलसूत्र में लगी तीन गांठें, शादीशुदा ज़िंदगी की तीन मुख्य बातों को दर्शाती हैं। पहली गांठ एक-दूसरे के प्रति आज्ञापालन को दिखाती है। दूसरी, माता-पिता के लिए प्यार दिखाती है और तीसरी गांठ भगवान के प्रति सम्मान को दिखाती है। इसे पहनने से महिलाएं स्वस्थ रहती हैं और हमेशा सकारात्मक ऊर्जा महसूस करती हैं। मंगलसूत्र के काले मोतियों से होकर निकलने वाली वायु महिलाओं में इम्यूनिटी पावर को बढ़ाती है, जिससे उनका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और शरीर स्वस्थ रहता है।