उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार के आरोप में चकबंदी के 10 अफसरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई
चकबंदी विभाग ने गलत ढंग से जमीन नाम करने पर 10 अफसरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। इनमें से दो अफसर पदावनत किए गए हैं, वहीं छह अफसरों को उनके मूल वेतन पर भेजा गया है जबकि दो अफसरों की वेतन वृद्धि रोक दी गई है। इसके अलावा गोंडा के मामले में दो अधिकारियों व एक कर्मचारी को आरोप पत्र दिया गया है। इसके अलावा सबको परिनिंदित भी किया गया है। चकबंदी आयुक्त हरेंद्र वीर सिंह ने भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश जारी कर दिया है।
श्रावस्ती के तत्कालीन चकबंदी अधिकारी राम लखन रावत को नामांतरण आदेश द्वारा अनुचित ढंग से लाभ पहुंचाने पर चकबंदी अधिकारी के मूल वेतन पर भेजा गया है। रावत वर्तमान में बहराइच में तैनात हैं। वहीं फर्रूखाबाद के तत्कालीन चकबंदी अधिकारी अजय कुमार वर्मा को ग्राम सभा की जमीन को इधर-उधर दर्ज करने पर सहायक चकबंदी अधिकारी के मूल पद एवं वेतन पर भेजा गया है। वर्तमान में वह बदायूं में तैनात हैं।
इसी तरह मुजफ्फरनगर के तत्कालीन चकबंदी अधिकारी और वर्तमान में बागपत में तैनात राजेश कुमार के खिलाफ इस्लामिया मदरसे का नाम बिना किसी आधार के निरस्त करने और व्यक्ति विशेष को संक्रमणीय भूमिधर घोषित करने पर चकबंदी अधिकारी के मूल वेतन पर भेजा गया है। लखनऊ के तत्कालीन चकबंदी अधिकारी और वर्तमान में गोंडा में तैनात श्याम नरायन अग्निहोत्री ने लखनऊ के गांव सरसवां में लिखित खातेदार का नाम खारिज करके दूसरे व्यक्ति को लाभ पहुंचाया। इस पर अग्निहोत्री की एक वेतन वृद्धि रोक दी गई है।