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RBI की मॉनेटरी पॉलिसी, लोन की EMI कम होने के आसार कम

बैंक से लोन लेने वाले करोड़ों कस्टमर को ईएमआई कम होने के लिए कम से कम अगस्त तक का इंतजार करना पड़ेगा।  भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अगस्त में मुख्य ब्याज दर में कटौती कर सकता है। हालांकि आज हो रही मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के दौरान आरबीआई संतुलित रुख अपना सकता है। RBI की मॉनेटरी पॉलिसी, लोन की EMI कम होने के आसार कम

खत्म हुआ महंगाई बढ़ने का जोखिम
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (बोफाएमएल) के मुताबिक, महंगाई बढ़ने का जोखिम खत्म हो चुका है। मार्च में महंगाई दर 4.2 फीसदी पर रहने की संभावना है, जो दिसंबर में 5.2 फीसदी से कम तथा आरबीआई के 2-6 फीसदी के लक्ष्य के दायरे में है। 

छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति की बैठक ऐसे समय हो रही है जबकि सरकार ने जोर देकर कहा है कि 2017-18 के लिए राजकोषीय घाटा और राजस्व घाटा आम बजट के संशोधित अनुमान से कम रहेगा।

अंशधारकों की निगाह एमपीसी की बैठक पर है. खुदरा मुद्रास्फीति में कमी और वृद्धि को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्रीय बैंक पर ब्याज दरों में कटौती का दबाव है। स्कोईमेट ने मानसून सामान्य रहने का अनुमान लगाया है। इससे कृषि उत्पादन बेहतर रहने की उम्मीद है जिससे कीमतों पर दबाव कम होगा। 

चार माह के निचले स्तर पर महंगाई दर
फरवरी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर चार महीने के निचले स्तर 4.44 फीसदी पर रही। आरबीआई खुदरा महंगाई को ध्यान में रखते हुए मौद्रिक नीति तय करता है। 

बोफाएमएल ने कहा कि मानसून सामान्य रहने पर खाद्य मुद्रास्फीति नियंत्रित रह सकती है।

अच्छे मानसून की उम्मीद
इसके अलावा, बजट 2018 में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी का खाद्य मुद्रास्फीति पर सीमित असर होगा, क्योंकि संशोधित एमएसपी अधिकांश खरीफ फसलों के लिए बाजार मूल्य से नीचे है। इसकी पूरी संभावना है कि सामान्य मानसून साल 2018 की दूसरी छमाही में खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखेगा। अगर मानसून सामान्य रहा तो अगस्त में मुख्य ब्याज दर में 25 आधार अंकों की कटौती हो सकती है।

 
 

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