रामायण का पाठ सुनना भी मृत्यु सैय्या पर लेटे व्यक्ति के लिए लाभप्रद हो जाता है। रामायण भगवान विष्णु के रामावतार की लीला कथा है जो व्यक्ति के मन को आनंदित कर देती है और मृत्यु के समय होने वाले कष्ट के एहसास को खत्म कर देती है। श्रीमद्भाग्वत, गीता सहित दूसरे पुराणों में भी उल्लेख आया है कि मृत्यु के समय मनुष्य जिस विषय को सोचता है मृत्यु के बाद उसकी वैसी ही गति होती है। रामायाण, गीता या कुराण जो व्यक्ति का धर्म ग्रंथ हो उसे सुनते हुए प्राण त्यागने पर नर्क का कष्ट नहीं भोगना पड़ता है क्योंकि व्यक्ति का मन अपने ईश्वर की ओर लगा रहता है।