नयी दिल्ली : रूस और ब्रिटेन में चल रही तनातनी के बीच भारत ने हस्तेक्षप करते हुए अपनी मंशा जाहिर कर दी है। भारत रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के खिलाफ है, उसने कहा कि इस मसले का समाधान रासायनिक हथियार संधि के प्रावधानों के अनुरूप किया जाना चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत के बारे में सवाल किये गये थे, इस पर उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में सूचना नहीं है कि दोनों नेताओं ने क्या बात की, हालांकि, उन्होंने कहा कि भारत कहीं भी, किसी के भी द्वारा, किसी भी स्थिति में रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किए जाने के खिलाफ है। सीरिया के दुमा शहर में कथित रासायनिक हमले की खबरों के बीच कुमार ने कहा कि इस तरह के हथियारों का कहीं भी इस्तेमाल रासायनिक हथियार संधि के खिलाफ है, अगर कोर्इ इस तरह का काम करता है, तो उसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
मिली जानकारी के अनुसार ब्रिटेन मुद्दे को लंदन में अगले हफ्ते होने वाली राष्ट्रमंडल प्रमुखों की बैठक में उठाएगा। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ टेलीफोन पर लंबी बातचीत की है। दोनों नेताओं ने भारत-रूस संबंधों पर चर्चा की और अंतर्ऱाष्ट्रीय मंचों पर एक-दूसरे का सहयोग जारी रखने का संकल्प दोहराया। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने 11 अप्रैल को टेलीफोन पर बातचीत की। विदेश मंत्रालय ने बातचीत का ब्योरा देने से इंकार कर दिया है। गौरतलब है कि पूर्व रूसी राजनयिक को ब्रिटेन में जहर दिए जाने के बाद से पश्चिमी देशों और रूस के बीच विवाद चरम पर है। पश्चिमी देशों के साथ रूस के गहराते विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन की बातचीत को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ।