महबूबा मुफ्ती ने कहा- फास्ट ट्रैक कोर्ट में 90 दिनों में पूरी हो कठुआ कांड की सुनवाई
जम्मू कश्मीर के कठुआ के रसाना गांव में आठ वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म व हत्या के मामले में मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन के लिए जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रामालिंगम सुधाकर को पत्र लिखा है, ताकि पीड़िता को जल्द न्याय मिल सके। सूत्रों की मानें तो सत्ताधारी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक से पहले महबूबा ने अपने कुछ खास लोगों के साथ राज्य के हालात पर चर्चा करते हुए फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन की इच्छा जताई।
मुख्यमंत्री चाहती हैं कि फास्ट ट्रैक कोर्ट में नियमित न्यायधीश हों, जो इस मामले की लगातार सुनवाई करते हुए इसे ज्यादा से ज्यादा 90 दिनों में पूरा कर दोषियों को कठोर दंड दे। यह राज्य में अपनी तरह की पहली फास्ट ट्रैक कोर्ट होगी।
दोनों मंत्रियों के त्यागपत्र मंजूर
उधर, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने कहा है कि पार्टी ने दोनों मंत्रियों चौधरी लाल सिंह और चंद्र प्रकाश गंगा के त्यागपत्र मंजूर कर लिए हैं। इन्हें मुख्यमंत्री के पास भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमने दो मंत्रियों का त्यागपत्र लेकर जम्मू कश्मीर के ही नहीं बल्कि देश के लोगों में गलतफहमी दूर कर दी है।
जम्मू पहुंचे राम माधव ने उपमुख्यमंत्री डॉ. निर्मल सिंह के आवास पर पत्रकारों से कहा कि रसाना की घटना की जांच में किसी ने हस्तक्षेप करने की कोशिश नहीं की। जांच के दौरान हमारी पार्टी सरकार के साथ रही है। हमने जांच को प्रभावित नहीं किया।
पीडीपी की ओर से कोई दबाव या अल्टीमेटम नहीं था
राम माधव ने कहा कि रसाना मामले में मंत्रियों के इस्तीफे पर पीडीपी का कोई दबाव या अल्टीमेटम नहीं था। दोनों मंत्रियों ने त्यागपत्र प्रधानमंत्री व वरिष्ठ नेताओं से परामर्श के बाद दिए। मैं नहीं मानता हूं कि इस घटना का असर गठबंधन पर पड़ेगा।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सत शर्मा ने कहा कि हिंदू एकता मंच से जुड़े पार्टी के प्रदेश सचिव विजय शर्मा को पद से हटा दिया गया है। पद मुक्त किए गए अन्य पांच पदाधिकारियों के बारे में उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी। ये पदाधिकारी घटनास्थल पर गए थे और हिंदू एकता मंच के साथ आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई का विरोध कर रहे थे।
रसाना मामले में आरोपित दोनों एसपीओ की सेवाएं समाप्त
जम्मू : रसाना हत्याकांड में आरोपित दोनों स्पेशल पुलिस ऑफिसर्स (एसपीओ) की सेवाओं को पुलिस विभाग ने समाप्त कर दिया है। आइजी जम्मू एसडी सिंह ने आरोपित एसपीओ की सेवाएं समाप्त करने की पुष्टि की। दोनों एसपीओ दीपक खजूरिया और सुरेंद्र कुमार हीरानगर थाने में तैनात थे। उन पर आरोप है कि उन्होंने इस हत्याकांड में मुख्य आरोपितों की मदद के अलावा हत्या के सुबूत मिटाने में भी मदद की थी।
मौजूदा समय में दोनों आरोपित एसपीओ जेल में हैं और क्राइम ब्रांच की ओर से कोर्ट में पेश किए गए चालान में भी उनके नाम शामिल हैं। इस मामले में हेड कांस्टेबल तिलक भी क्राइम ब्रांच की गिरफ्त में है, जिस पर आरोप है कि उसने रसाना हत्याकांड की शिकार बनी आठ वर्षीय बच्ची के खून से सने कपड़ों को एफएसएल में भेजने से पहले धोया था, यह बात एसपीओ दीपक कुमार ने भी अपने बयान में मानी है। हेड कांस्टेबल को भी बर्खास्त किया जा सकता है।