नई दिल्ली : वोडाफोन और आइडिया सेल्युलर का मर्जर भले ही रिलायंस जियो को टक्कर देने के अपने मकसद में कामयाब हो जाए, लेकिन इसने अपने गठजोड़ से ठीक पहले 5 हज़ार कर्मचारियों के बेरोजगार होने के संकेत भी दे दिए हैं। गौरतलब है कि इन दोनों टेलिकॉम कंपनियों के बीच मर्जर प्रक्रिया अगले कुछ महीनों में पूरी हो सकती है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का मानें तो इन दोनों कंपनियों के मर्जर के बाद जो नई कंपनी बनेगी उसमें कुल 21 हज़ार कर्मचारी होंगे जिनमें से एक चौथाई को बाहर करने की तैयारियां चल रही हैं। ये दोनों ही कंपनियां अपनी लागत को बचाने, काम के दोहराव को खत्म करने और दक्षता में सुधार करने की कोशिश कर रही हैं। दोनों कंपनियों ने मिलकर फैसला किया है कि अब उन्हें इतने सारे कर्मचारियों की जरूरत नहीं है। यह बात इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्र ने बताई है। मिली जानकारी के अनुसार दोनों ही कंपनियों पर संयुक्त रूप से 1 लाख 20 हजार करोड़ का कर्जा है। इसी को देखते हुए इन दोनों कंपनियों के बीच विलय का प्रबंधन करने वाली नोडल टीम ने यह सलाह दी है कि अगले कुछ महीनों में कम से कम ५ हज़ार कर्मचारियों की छुट्टी कर दी जाए।
दोनों कंपनियों के मर्जर के बाद आइडिया और वोडाफोन एक ही नेटवर्क का उपयोग करेंगी। इससे दोनों कंपनियों के ग्राहकों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। विलय के बाद दोनों कंपनियों के ग्राहक 38 करोड़ हो जाएंगे। कंपनियां अपने सर्किल और नेटवर्क का विस्तार करेंगी जिसका फायदा दोनों कंपनियों के मौजूदा और नए ग्राहकों को होगा।