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इन ट्रेनों से हटाए जाएंगे एसी-2 कोच, एसी-3 डिब्बों की संख्या बढ़ेंगी

रेलवे ने प्रीमियम ट्रेनों राजधानी और दुरंतों में कोचों की व्यवस्था में व्यापक बदलाव करने का फैसला किया है. अब कुछ रूट पर चलने वाली राजधानी और दुरंतो एक्सप्रेस ट्रेनों में एसी-2 कोच नहीं होंगे. इनकी जगह एसी-3 कोच लगाए जाएंगे. ऐसा एसी-2 कोच में यात्रियों की कमी को देखते हुए किया जा रहा है. इसके लिए रेलवे ने इस साल 1000 नए एसी-3 कोच के निर्माण के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही फ्लेक्सी फेयर व्यवस्था में भी बदलाव किया जा सकता है. रेलवे के इस फैसले से 50 राजधानी ट्रेनों में एसी-3 की 14 हजार से अधिक अतिरिक्त बर्थ का इंतजाम होगा. इसका फायदा सीधे यात्रियों को मिलेगा.इन ट्रेनों से हटाए जाएंगे एसी-2 कोच, एसी-3 डिब्बों की संख्या बढ़ेंगी

दरअसल, रेलवे में फ्लेक्सी फेयर व्यवस्था लागू होने के बाद से स्थिति बदली है. इसके कारण 50 फीसदी सीटों का किराया बेस फेयर से काफी अधिक हो जाता है. ऐसे में एसी-2 की सीटों का किराया करीब-करीब हवाई फेयर के बराबर हो जाता है. इस कारण यात्री एसी-2 कोच में बर्थ बुक नहीं करवा रहे हैं. इन कोचों में अधिकतर सीटें खाली रह जाती हैं. हालांकि इस फ्लेक्सी फेयर स्कीम से रेलवे ने एक साल में 862 करोड़ रुपये की कमाई की है.

फ्लेक्सी फेयर की एक मसला
इसको लेकर रेल यात्रियों में नाराजगी को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने एसी-3 कोच बढ़ाने सहित कई उपाय लागू करने का फैसला किया है. फ्लेक्सी फेयर लागू होने के बावजूद एसी-3 का किराया यात्रियों के बजट में है. इतना ही नहीं रेलवे को एसी-2 के बजाए एसी-3 कोच से अधिक आय भी होती है.

दूसरी ओर, बगैर अतिरिक्त सुविधा मुहैया कराए अधिक फ्लेक्सी फेयर व्यवस्था से यात्रियों में नाराजगी है. ऐसे में रेलवे इस व्यवस्था में बदलाव चाहता है लेकिन उसके सामने समस्या आय की है. वह चाहता है कि किसी भी बदलाव की सूरत में आय प्रभावित न हो. प्रीमियम ट्रेनों में हमसफर ट्रेन का किराया फार्मूला लागू किया जा सकता है. रेलवे बोर्ड के सदस्य (ट्रैफिक) मोहम्मद जमशेद ने इस बात के संकेत भी दिए हैं.

हमसफर ट्रेनों में शुरू की 50 फीसदी बर्थ की बुकिंग में किराया सामान्य रहता है, लेकिन शेष बची 50 फीसदी बर्थ की बुकिंग के साथ 10-10 फीसदी किराया बढ़ता जाता है. इसको इस तरह समझते हैं. अगर ट्रेन में 200 सीटें हो तो उसमें से 100 का किराया सामान्य रहेगा. इसके बाद बची हुई 100 सीटों में से 10 फीसदी यानी 10 का किराया 10 फीसदी बढ़ जाएगा. इसी तरह अगली 10 फीसदी सीटों का किराया फिर 10 फिसदी बढ़ जाएगा.

 
 
 

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