ईमेल से सरकार के एक विभाग ने बचा लिए 977 करोड़ रुपए
वित्तमंत्रालय के डाटा सामने आने बाद पता चला है कि टैक्स विभाग ने ईमेल शुरू करने के बाद से पिछले पांच सालों में 977 करोड़ रुपए से अधिक की बचत की है. ये बचत ईमेल शुरू होने के बाद से पोस्टेज खर्च में कमी आने से हो सकी है. पिछले पांच सालों में टैक्स डिपार्टमेंट ने करदाताओं से अपना ऑनलाइन कम्युनिकेशन बढ़ाया है, जिससे पोस्टेज में खर्च होने वाली बड़ी रकम की बचत हुई और इसके चलते 977.54 रुपए बच सके. ये बचत सरकार की पेपरलेस पॉलिसी लागू करने पर हो सकी है.
वित्त मंत्रालय के डाटा के मुताबिक, टैक्स डिपार्टमेंट ने 2017-18 के वित्तीय साल में दिसंबर तक 212.27 करोड़ रुपए के पोस्टेज खर्च में कमी आई. इस साल का ये बचत साल 2013-14 में 98.45 करोड़ रुपए की बचत के दोगुना से ज्यादा है. टैक्स विभाग ने 14.15 करोड़ साल 2017-18 में भेजे, जबकि 2016-17 में 11.82 करोड़ ई-मेल भेजे गए थे. ऑनलाइन कम्युनिकेशन तब तेजी से बढ़ा, जब टैक्स डिपार्टमेंट ने पूरे देश में पेपरलेस असेसमेंट लागू कर दिया.
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, इनकम टैक्स रिटर्न के लिए बेंगलुरू स्थित सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर ( सीपीसी) ने 73.73 करोड़ अभी तक डिजिटल हस्ताक्षर वाले इंटीमेशन ईमेल के जरिए भेज चुका है. लगभग 67.96 करोड़ एसएसमएस अलर्ट भेजे हैं और लगभग 4.17 करोड़ इंटीमेशन पूरे देश में स्पीड पोस्ट से पूरे देश में भेजे हैं.
टैक्स डिपार्टमेंट ने पोस्टेज पर होने वाले खर्च की बचत की औसत गणना स्पीड पोस्ट या साधारण डाक से प्रति डाक पर 15 रुपए के खर्च को आधार बनाया है.
– 5.62 करोड़ इनकम टैक्स रिटर्न सीपीसी ने साल 2017-18 में प्रोसेस किए
– 4.57 करोड़ इनकम टैक्स रिटर्न सीपीसी ने साल 2017-18 में प्रोसेस किए
साल ईमेल के जरिए करदाताओं से कम्युनिकेशन पोस्टेज खर्च में कमी करोड़ में
2017-18 14,15,19,754 212.27
2016-17 11,82,45,615 177.36
2015-16 23,23,66,069 348.55
2014-15 9,39,41,489 140.91
2013-14 6,56,30 267 98.45
कुल बचत : 977.54 करोड़ रुपए