अब कैलाश मानसरोवर जाना हो जाएगा आसान
बीजिंग : भारत और चीन ने कैलाश-मानसरोवर यात्रा के लिए सिक्किम के रास्ते तिब्बत में जून तक दूसरा मार्ग खोलने की खातिर तौरतरीकों संबन्धी दस्तावेजों का आदान प्रदान किया। माना जा रहा है कि इससे अधिक संख्या में भारतीय नागरिक तीर्थयात्रा पर जा सकेंगे। नाथू ला र्दे के रास्ते इस मार्ग से भारतीय तीर्थयात्री बसों से सुविधापूर्वक यात्रा कर सकेंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूददीन ने टवीट किया,”भारत और चीन ने कैलाश-मानसरोवर यात्रा के लिए 2015 में अतिरिक्त मार्ग की खातिर तौरतरीकों पर दस्तावेजों का आदान प्रदान किया।” विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ वार्ता करने के बाद दोनों पक्षों के अधिकारियों ने दस्तावेजों का आदान प्रदान किया। चीन की यात्रा पर आयीं सुषमा ने इसके पहले आज दिन में कहा कि नए रास्ते का खुलना बड़ी बात होगी।
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पिछले साल सितंबर में अपनी भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नए रास्ते खोलने के संबंध में वादा किया था। दोनों पक्षों ने नए रास्ते से यात्रा सुचारू रूप से शुरू करने के लिए मिल कर काम करने पर सहमति जतायी थी। उत्तराखंड में 2013 में आयी बाढ के कारण एक मात्र मौजूदा मार्ग व्यापक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था। विदेश मंत्रालय हर साल 18 जत्थों में करीब एक हजार लोगों को कैलाश मानसरोवर की यात्रा कराता है। यह यात्रा 22 दिनों की होती है। अधिकारियों को उम्मीद है कि नए रास्ते के खुलने से तीर्थयात्रियों की संख्या में खासी वद्धि हो सकती है। चीन ने भारतीय राजदूत अशोक के कांत को अक्तूबर में तिब्बत आमंत्रित किया था ताकि यात्रियों के लिए तैयारियां की जा सकें। एजेंसी