बेंगलुरू : कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस एक दूसरे पर आरोपों की झड़ी लगा रही हैं। उधर, कर्नाटक की तीसरी बड़ी पार्टी जेडी-एस के नेता दावे कर रहे हैं कि उनकी पार्टी किंगमेकर नहीं किंग बनेगी, लेकिन प्रधानमंत्री की रैली के बाद से जेडीएस कुछ बदला सा नजर आ रहा है।
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया शुरुआत से ही आरोप लगा रहे हैं कि जेडीएस भाजपा की बी-टीम है। इन आरोपों को जेडी-एस हमेशा से ही खारिज करती रही है, तीन दिन पहले जेडी-एस और बीजेपी के गठबंधन की संभावनाओं को खारिज करते हुए जेडी-एस सुप्रीमो एचडी देवगौड़ा ने कहा था कि यदि उनके बेटे और पार्टी के कर्नाटक प्रमुख एचडी कुमारस्वामी चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन करते हैं तो वह उनसे रिश्ते तोड़ लेंगे। इसके अगले ही दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उडुपी की रैली में एचडी देवगौड़ा को कद्दावर नेता बताते हुए उनके अपमान को लेकर राहुल गांधी की आलोचना भी की। मोदी के इस बयान के बाद कांग्रेस के हमले तेज हो गए। कुमारस्वामी ने यह तो कहा कि उनकी पार्टी किसी की बी या सी टीम नहीं है, उन्होंने चुनाव जीतने के दावे भी किये, लेकिन भाजपा से गठबंधन के सवाल पर उन्होंने न हां कहा और न ही इससे साफ इनकार किया।