लखनऊ: राजधानी में शहीद स्मारक के सामने बनी हुई रिवर बैंक कॉलोनी जल्द ही नगर निगम की संपत्ति नहीं रहेगी। अब इन कॉलोनियों पर उनका अधिकार होगा, जो यहां निवास कर रहे हैं। दरअसल, इस कॉलोनी में रहने वाले लोगों को निगम के बनाए हुए मकान बेचने का आदेश शासन दे चुका है। इसके बाद यहां का सर्वे कराने के लिए एक कमेटी बनाई गई है। इसकी अध्यक्ष कमिश्नर स्वयं करेंगे। सर्वे की रिपोर्ट निर्णय लिया जाएगा कि इन मकानों का रेट किस हिसाब से बेचा जाए। नगर निगम के अपर आयुक्त पीके श्रीवास्तव का कहना है कि रिवरबैंक कॉलोनी को बेचने की स्वीकृति मिलने के बाद इस दिशा में काम किया जा रहा है। इसके लिए एक कमेटी बनाकर सर्वे कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि यहां पर करीब 200 नगर निगम के मकान हैं। एक अंदाजा है कि इन मकानों को बेचने पर करीब 700-800 करोड़ रुपए मिलेंगे। हालांकि, इस कवायद को पूरा करने में कई अड़चने हैं।
बताते चलें कि इस मामले में शासन से जो आदेश आया है उसमें निर्देश है कि जो संपतियां बेची जाएं वो 2010 के सर्किल रेट पर बेची जाएं, लेकिन नगर निगम इन संपतियों का सर्वे कराकर इनका वैल्यूवेशन करके वो जानना चाहता है कि इस समय इनकी क्या कीमत है? इन संपत्तियों का मूल्याकंन करने के लिए जो कमेटी बनाई गई है उसमें लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों को भी शामिल किया गया है।