
फीचर्ड डेस्क: आज ज्यादातर देशों में अपराधी को सजा देने के लिए उसे जेल में डाल दिया जाता है या फांसी दे दी जाती है, लेकिन पुराने समय में अपराधी और दुश्मनों को बहुत ही दर्दनाक मौत की सजा दी जाती थी. ये ऐसे तरीके थे जिसके बारे में जानकर भी दिल दहला जाता है. अलग-अलग देशों में मौत की सजा भी अलग-अलग थीं. आइए जानते हैं पुराने दौर की सबसे भयानक और क्रूर सजाओं के बारे में…
ब्रेजन बुल
इस प्रक्रिया में अपराधी को किसी सांड के पेट में डाल दिया जाता था और नीचे से आग लगा दी जाती है. इसमें अपराधी को चमड़ी जलने की काफी पीड़ा होती थी. इसके बाद 10-15 मिनट में ही अपराधी की मौत हो जाती थी.
बाल्टी में चूहे
कारागार में बंद केदियों को पहले के दौर में चूहों का उपयोग कर यातनाएं देकर मारा जाता था. शुरुआती समय में यह बहुत अधिक था. इस सजा के दौरान 4-5 जिंदा चूहों को एक बाल्टी में रखा जाता है और बाल्टी को अपराधी के पेट पर उल्टा कर दिया जाता. इसके बाद बाल्टी के ऊपर गर्म-गर्म कोयले रख दिए जाते. नतीजतन चूहे उस गर्मी को सहन नहीं कर पाते और चूहों के लिए भागने का सिर्फ एक ही रास्ता होता और वो होता अपराधी का पेट. चूहे अपराधी के पेट को फाड़कर उसके शरीर में घूस जाते. ऐसे में अपराधी की भी मौत हो जाती.
जूडस क्रैडल
जूडस क्रैडल देखने में धारदार पोल की तरह दिखाई देता था. ये इंसान को तड़पा-तड़पा कर मारने वाला हथियार था. लोगों को नग्न कर इस पर बिठाया जाता था. प्रताड़ना की ये प्रक्रिया बेहद खौफनाक होती थी. पीड़ित को तीन जगह से बंधे एक रिंगनुमा खाली सीट पर लटका दिया जाता था. फिर इसके नीचे जूडस क्रैडल को लगाया जाता. इस दौरान पीड़ित के पैर को रस्सी से बांध दिया जाता था, जिसे नीचे खड़े कुछ लोग पकड़े होते थे। सजा का आदेश मिलते ही, लोग रस्सी को एकदम से खींच देते. अक्सर स्त्रियों को उलटा और पुरुष को सीधे इस जानलेवा हथियार पर बिठा कर सजा दी जाती थी. इस सजा के दौरान लोग घंटों रस्सी को खींचते रहते थे. कभी कभी दर्द को बढ़ाने के लिए पीड़ित पर अतिरिक्त वजन भी लटका देते थे.
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