बेंगलुरु : रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने लगातार दो मैच में जीत हासिल कर अपनी प्लेऑफ की अपनी उम्मीदों को जिंदा जरूर रखा है, लेकिन आज जो टीम उसके सामने है वह उस उम्मीद के धागे को तोड़ सकती है। यह टीम है केन विलियमसन की कप्तानी वाली सनराइजर्स हैदराबाद। प्लेऑफ के लिए क्वॉलिफाइ करने वाली पहली टीम हैदराबाद ने इस सीजन में बैंगलोर के खिलाफ पहले मुकाबले में 5 रन की नजदीकी जीत हासिल की थी और वह एक बार फिर इस परिणाम को दोहरा सकती है। मेजबान टीम बहुत हद तक कप्तान विराट कोहली और साउथ अफ्रीका के एबी डि विलियर्स पर निर्भर है। इन दो बल्लेबाजों पर अतिनिर्भरता की वजह से ही उसने शुरुआती 10 में से 7 मैच गंवाए। बैंगलोर की टीम के लिए एक अच्छी खबर यह है कि उसके बोलर्स भी रंग में आ गए हैं। बैंगलोर के पेसर उमेश यादव तो शुरू से ही प्रभावशाली रहे, लेकिन दूसरे छोर से उन्हें अच्छा सहयोग नहीं मिल रहा था।
जीत से भी सीट पक्की नहीं
बैंगलोर अगर हैदराबाद को हराने में सफल हो जाती है तो भी प्लेऑफ के गणित से उसका पीछा नहीं छूटेगा। अभी उसके 12 में से 10 अंक हैं और तब 12 ही होंगे। प्लेऑफ की उम्मीद के लिए उसे अपने अंतिम मैच में भी जीत दर्ज करनी होगी साथ ही होड़ में बनी हुई टीमों की हार की कामना करनी होगी। यहां बैंगलोर को एक और बड़ी जीत की जरूरत है क्योंकि अंत में कम से कम दो टीमों के एक बराबर ही अंक होते नजर आ रहे हैं, ऐसे में प्लेऑफ के लिए नेटरनरेट पर बात अटक जाएगी। पिछले मैच में उमेश के अलावा अन्य गेंदबाजों ने भी अपना योगदान दिया, जिसका नतीजा यह हुआ कि उसने किंग्स इलेवन पंजाब को सीजन के दूसरे सबसे छोटे स्कोर पर समेट दिया। दूसरी ओर सनराइजर्स के पास फिलहाल खोने के लिए कुछ भी नहीं है। हां, वह जीत दर्ज कर टॉप पर अपनी पोजिशन को और भी मजबूत करना चाहेगी, ताकि फाइनल में जगह बनाने के लिए उसके पास दो मौके जरूर हाथ में हों। कप्तान केन विलियमसन अपनी लय को बरकरार रखे हुए हैं और इस टीम के लिए अच्छी खबर यह है कि बीच के कुछ मैचों में लय से भटके ओपनर शिखर धवन फिर से लय हासिल कर चुके हैं। जहां तक गेंदबाजी का सवाल है तो इस टूर्नमेंट में इस टीम को बेस्ट अटैक का तमगा हासिल है।