नई दिल्ली : यौन अपराध के वीडियो ब्लॉक करने को लेकर सर्वोच्च न्यायलय ने गूगल और फेसबुक जैसी बड़ी इंटरनेट कंपनियों के खिलाफ सख्त फैसला दिया है। इन कंपनियों द्वारा उठाए गए कदमों का जवाब नहीं देने से नाराज शीर्ष अदालत ने प्रत्येक पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। न्यायाधीश मदन बी. लोकुर और जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने कहा कि याहू, फेसबुक आयरलैंड, फेसबुक इंडिया, गूगल इंडिया, गूगल इंक., माइक्रोसॉफ्ट और व्हाट्सएप को विशेष आदेश दिए गए थे। इसके बावजूद इन कंपनियों ने इस संबंध में किए गए उपायों की कोई जानकारी मुहैया नहीं कराई। पीठ ने इन सभी कंपनियों से 15 जून तक हलफनामा दायर कर बताने को कहा है कि इस तरह के अश्लील वीडियो ब्लॉक करने के लिए उन्होंने क्या उपाय किए। साथ ही रजिस्ट्री से भी कुछ अवधि तक इन कंपनियों से फिक्स्ड राशि जमा कराने को कहा गया है। पीठ ने कहा कि 16 अप्रैल के अपने आदेश में हमने इन सभी कंपनियों से समिति की रिपोर्ट में की गई सिफारिशें से संबंधित प्रगति स्थिति मांगी थी। लेकिन इनमें से किसी ने हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी और किसी कंपनी ने जवाब देकर यह नहीं बताया कि वह उस आदेश का पालन करने के लिए तैयार है। केंद्र सरकार ने भी अदालत को बताया कि ऑनलाइन साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के बीटा वर्जन की लांचिंग टल गई है और अब यह पोर्टल 15 जुलाई या इससे पहले लांच किया जाएगा। अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क एवं सिस्टमों के साथ जहां तक पोर्टल को जोड़ने की बात है तो पहले ही बताया जा चुका है कि इसमें लगभग दो महीने लग सकते हैं।