एजेंसी: इधर कर्नाटक में पक्ष-विपक्ष के नेता अपनी-अपनी कुर्सी सुरक्षित करने और बचाने में व्यस्त हैं और उधर पड़ोसी राज्य केरल से नई आफत सीमा पर कर प्रदेश को तबाह करने की कोशिश में है. दरअसल, यहां चर्चा निपाह वायरस की हो रही है. मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि कर्नाटक में भी निपाह वायरस के दो संदिग्ध मरीजों की पहचान हुई है.
इसके बाद से पूरे कर्नाटक में हड़कंप मचा हुआ है. केरल के कोझिकोड और मलप्पुरम जिलों में निपाह वायरस के कारण अब तक कम से कम दस लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 9 अन्य मरीज फिलहाल अस्पताल में भर्ती हैं. स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि इस दस के अलावा दो अन्य लोगों की मौत हुई है. हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकी है कि उन दोनों की मौत इसी वायरस के कारण हुई है.
केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने बताया कि निपाह वायरस से निपटने का हमारे पास कोई पूर्व अनुभव नहीं है. उन्होंने कहा कि ऐसे हालात हमने पहले कभी देखे नहीं. इसलिए थोड़ी परेशानी हो रही है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूटीओ) को केरल में वायरस फैलने के बारे में सूचित किया गया है.
वहीं डब्लूटीओ का कहना है कि फल खाने वाले इस वायरस का अब तक कोई इलाज नहीं मिल पाया है. उधर सूत्रों के मुताबिक, कुछ संक्रमित लोगों के संपर्क में आए कुल 116 लोगों को अलग-थलग रखा गया है. इनमें से 94 लोगों को उनके घरों में तथा 22 को विभिन्न अस्पतालों में रखा गया है और बड़े पैमाने पर अनुशंधान चल रहे हैं.
इस बीच एक खबर यह भी आ रही है कि यह वायरस अब पड़ोसी राज्य कर्नाटक में भी अपना पांव पसारने लगा है. कर्नाटक में दो संदिग्धों के बारे में पता चला है. बताया जा रहा है कि कर्नाटक में कम से कम दो लोग इस बीमारी से संक्रमित हैं, जिन्हें अलग रखा गया है. स्थानीय डॉक्टरों का कहना है कि इस ओर सरकार का कोई ध्यान नहीं है. सरकार अभी खुद संक्रमण से गुजर रही है. जब केरल की तरह भयावह स्थिति पैदा हो जाएगी तब जाकर सरकार की निंद खुलेगी.