नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को आपराधिक मानहानि के मामले में निजी तौर पर पेश होने से आज के लिए छूट दे दी। केजरीवाल के खिलाफ यह मामला एक वकील ने दायर किया था। भावी मुख्यमंत्री ने निजी तौर पर अदालत के समक्ष पेश होने से इस आधार पर छूट की मांग की थी कि उन्हें आज केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करनी है। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मुनीश गर्ग ने केजरीवाल के अनुरोध को स्वीकार करते हुए उन्हें निर्देश दिए कि वह 17 मार्च को अदालत के समक्ष अवश्य पेश हों। अदालत ने इसी आधार पर आप के नेताओं मनीष सिसोदिया और योगेंद्र यादव को भी आज अदालत में निजी तौर पर पेश होने से छूट दे दी। अपने खिलाफ जारी समनों के चलते पिछले साल चार जून को अदालत के समक्ष पेश होने के बाद अदालत ने आप के इन तीनों नेताओं को जमानत पर रिहा किया था। ये समन वकील सुरेंद्र कुमार शर्मा की ओर से भारतीय दंड संहिता की धारा 499, 500 (मानहानि) और 34 (साझा इरादा) के तहत दर्ज कराई गई शिकायत से जुड़ी प्रथम दष्टया सामग्री के आधार पर जारी किए गए थे।
आम आदमी पार्टी के तीनों नेताओं की ओर से पेश हुए वकील ऋषीकेश कुमार ने कल आए दिल्ली विधानसभा के चुनाव परिणामों के मद्देनजर अदालत से कहा कि केजरीवाल और दोनों अन्य नेता बैठकों में व्यस्त हैं और अदालत में पेश नहीं हो सकते। कल आए परिणामों में आप ने विधानसभा की 70 में से 67 सीटें जीती हैं। आप नेताओं के वकील ने कहा कि केजरीवाल को विभिन्न पार्टी नेताओं से मुलाकात करनी है और उनका गृहमंत्री से भी मुलाकात करने का कार्यक्रम है। शिकायतकर्ता ने इस याचिका का विरोध करते हुए कहा कि केजरीवाल और दो अन्य नेताओं को अदालत में पेश होना चाहिए क्योंकि कानून के समक्ष सभी बराबर हैं। उन्होंने तर्क दिया कि चाहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों या अरविंद केजरीवाल, वे कानून से उपर नहीं हैं और उन्हें अदालत का समय बर्बाद नहीं करना चाहिए।