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निपाह वायरस से हाई अलर्टः बचाव के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रहीं सरकारें

केरल में निपाह वायरस से अब तक 10 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 15 पीड़ित लोगों का इलाज जारी है। सरकार ने वायरस से बचने के लिए एडवाइजरी भी जारी कर दी है। लेकिन इस खतरनाक वायरस का खतरा अब केवल केरल तक ही सीमित नहीं है। बल्कि अन्य राज्यों में भी बढ़ गया है। चलिए विस्तार से जानते हैं कि निपाह वायरस के चलते विभिन्न राज्यों की स्थिति कैसी है और सरकार की ओर से वहां क्या कदम उठाए जा रहे हैं।

निपाह वायरस के चलते ओडिशा सरकार ने 5 मेडिकल कॉलेज और 30 जिला मुख्यालय अस्पतालों को सतर्क कर दिया है। चिकित्सकीय प्राधिकारी वर्ग ने स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक ब्राजा किशोर ब्रह्मा को पत्र लिखा है। जिसमें वायरस के खिलाफ निवारण उपायों की जांच करने को कहा गया है। हालांकि इस राज्य में अभी तक इस तरह के किसी भी मामले की सूचना नहीं मिली है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों को इससे निपटने के लिए पहले ही सचेत कर दिया है।
निपाह वायरस से बचाव के लिए पश्चिम बंगाल में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। यहां वर्ष 2001 में एक अज्ञात बुखार की वजह से 45 लोगों की मौत हो गई थी। तब पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने निपाह वायरस को उन मौतों की वजह बताया था। उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एक सेवानिवृत डॉक्टर एनबी देवनात का कहना है कि राज्य में निपाह वायरस पहले से मौजूद है। यह एक बेहद संक्रामक और खतरनाक बीमारी है।
निपाह वायरस से बचाव के लिए पश्चिम बंगाल में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। यहां वर्ष 2001 में एक अज्ञात बुखार की वजह से 45 लोगों की मौत हो गई थी। तब पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने निपाह वायरस को उन मौतों की वजह बताया था। उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एक सेवानिवृत डॉक्टर एनबी देवनात का कहना है कि राज्य में निपाह वायरस पहले से मौजूद है। यह एक बेहद संक्रामक और खतरनाक बीमारी है।
केरल में निपाह वायरस के कहर के बाद तेलंगाना में भी अलर्ट जारी किया गया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सी लक्ष्मी रेड्डी ने मंगलवार को बताया कि स्वास्थ्य विभाग वायरस से निपटने के लिए सतर्क है। उन्होंने कहा कि सरकार ने वायरस का पता लगाने के लिए ब्लड और अन्य सैंपल इकट्ठा करने की व्यवस्था की है। साथ ही हैदराबाद के ओस्मानिया, गांधी, नीलाफर और फीवर अस्पतालों में पांच से लेकर आठ स्पेशल वार्ड स्थापित किए हैं।
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के नहान सब डिवीजन के एक सीनियर सेकेंड्री स्कूल में 18 मरे हुए चमगादड़ मिले। यह स्कूल के पेड़ पर काफी लंबे समय से मंडरा रहे थे। चमगादड़ों के अचानक मर जाने से निपाह वायरस का खौफ फैल गया है। मौके पर पहुंची पशु चिकित्सकों की टीम ने चमगादड़ों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं। टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद ही चमगादड़ों के मरने की वजह पता चलेगी।
मामले पर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे का कहना है कि ‘मृत चमगाड़ों के सैंपल टेस्ट के लिए भेजे गए हैं, जिससे उनकी मौत की वजह पता चल सके। लैब की जांच रिपोर्ट आने से पहले यह नहीं कहा जा सकता कि निपाह वायरस से चमगादड़ों की मौत हुई है।’