नींबू से लेकर कोक तक, एबॉर्शन के ये ये अजीबो गरीब उपाय जानकर ठोक लेंगे माथा
मॉडर्न जमाने में गर्भधारण रोकने या एबॉर्शन के लिए कई सुरक्षित उपाय मौजूद हैं। मगर पुराने जमाने में ऐसे-ऐसे उपाय किए जाते थे, जिन्हें जानने के बाद आप माथा पीट लेंगे।
मगरमच्छ का मल
गर्भधारण रोकने के लिए महिला की योनि में मगरमच्छ का मल, शहद और सोडियम बाइकारबोनेट का घोल बनाकर डाला जाता था। ऐसा माना जाता था कि इस घोल की वजह से शुक्राणु अंदर नहीं जा सकते और अगर चले गए तो नष्ट हो जाते हैं।
जानवरों की मदद
महिला की जांघों पर वीजल नाम के जानवर का अंडाशय और एक हड्डी बांध दी जाती थी। ऐसा करने से वह गर्भवती नहीं होती थी। हालांकि, इसका सक्सेस रेट क्या था इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। यही नहीं, 16वीं शताब्दी में कनाडा में बीवर नाम के जानवर के अंडाशय को शराब में डुबोकर खिलाया जाता था। इससे भ्रूण नष्ट हो जाता था।
लोहे का पानी
ग्रीस में महिलाओं को वह पानी पिलाया जाता था जिसमें लोहार अपने औजार ठंडे करता था। इससे शुक्राणु योनि में ही नष्ट हो जाते थे। यही नहीं, चीन में तो महिला को लेड और मर्करी का घोल पिलाया जाता था। यह घोल इतना खतरनाक होता है कि उससे गर्भाशय क्या, किडनी और दिमाग भी खराब हो जाते थे। महिला की जान पर बन आती थी।
कोक
क्या कोक पीने से शुक्राणुओं को मारा जा सकता है?
सन् 1950 से 1960 के बीच हार्वड मेडिकल स्कूल ने बर्थ कंट्रोल लैब में कई तरह के शोध किए। एंडरसन, हिल और अंपीयर नाम के वैज्ञानिकों ने चार तरह की कोक को शुक्राणुओं के साथ मिलाया। उन्होंने देखा कि डायट कोक ने सभी शुक्राणुओं को एक मिनट के भीतर मार दिया। वहीं बाकी 41 प्रतिशत दूसरी तरह की कोक में तैरते ही रहे। एंडरसन ने बताया कि कोक में कारबोनिक एसिड ने शुक्राणुओं को मारा।
इंडोनेशिया के सुमात्रा में औरतें अफीम के पौधे का प्रयोग संभोग के दौरान करती थीं ताकि वे प्रेग्नेंट ना हों।