कैराना में आधी रात तक हुई वोटिंग, मुस्लिमों ने वहीं किया इफ्तार
कैराना लोकसभा सीट पर ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप-प्रत्यारोपों के बीच सोमवार रात 12 बजे तक मतदान होता रहा. कई पोलिंग बूथों पर मुस्लिम मतदाताओं ने रोजा इफ्तार भी किया. मुजफ्फरनगर दंगों के बाद जाट और मुसलमानों के बीच गहरी हुई खाई भी पटती दिखी.
कैराना लोकसभा के उपचुनाव में 54 फीसदी मतदान हुआ. हालांकि वोटिंग शुरू होते ही कई पोलिंग बूथों पर ईवीएम में गड़बड़ी के मामले सामने आए. इसे लेकर राजनीति गर्म हो गई. आरएलडी प्रत्याशी तबस्सुम हसन से लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और आरएलडी के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह ने चुनाव आयोग से इस संबंध में शिकायत की. इसके बाद राज्य चुनाव आयोग ने आधी रात तक वोटिंग कराने की बात कही थी. ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतों के मद्देनजर 73 पोलिंग बूथों पर बुधवार को दोबारा मतदान भी कराया जाएगा.
नकुड़ और गंगोह क्षेत्र में सबसे ज्यादा ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतें की गई थीं. यही वजह रही कि इन इलाकों के कई पोलिंग बूथों पर आधी रात तक वोटिंग हुई. नकुड़ क्षेत्र के खजुरहेड़ी, दौलतहैड़ी, मुबारकपुर ऐसे बूथ थे, जहां देर रात तक वोटिंग हुई. प्रशासन ने लाइट और सुरक्षा के खास इंतजाम भी किए थे, ताकि अंधेरा न रहे और न ही किसी तरह की कोई अनहोनी न हो सके.
रमजान का महीना होने के चलते मुस्लिम मतदाता रोजा थे. उनके लाइन में लगे रहने के दौरान ही रोजा इफ्तार का वक्त हो गया था. इसके बावजूद वो लाइन में लगे रहे और पोलिंग बूथ पर ही इफ्तार किया.
नकुड़ ब्लाक के गांव हरपाली में बूथ संख्या 365 मतदान पर ईंवीएम में गड़बड़ी की बात सामने आई थी. इसके बाद शाम 5.30 बजे दोबारा मशीन आने के बाद ही दोबारा मतदान शुरू हुआ तो मतदान केंद्र पर लंबी लाईन लग गई. इसी तरह का नकुड़ के हरपाल गांव में भी दोबारा मतदान शुरू हुआ. इसे मुस्लिम बहुल मतदाताओं वाला इलाका माना जाता है. इसीलिए इन बूथों पर मुस्लिम मतदाता लाइन में लगे रहे. इस बीच रोजा इफ्तार का वक्त हो गया. ऐसे में वो रोजा खोलने के लिए अपने घर नहीं गए बल्कि वहीं लाइन में लगे रहते हुए ही इफ्तार किया.
यूपी की राजनीति में पहली बार रहा कि जब आधी रात तक वोटिंग होती रही और रोजेदारों ने पोलिंग बूथ पर ही रोजा इफ्तार किया.
बता दें कि कैराना लोकसभा सीट बीजेपी के सांसद रहे हुकुम सिंह के निधन के चलते रिक्त हुई थी. बीजेपी से उनकी बेटी मृगांका सिंह उम्मीदवार हैं और आरएलडी से विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार तबस्सुम हसन मैदान में थी. दोनों के बीच कांटे का मुकाबला माना जा रहा है.
कैराना लोकसभा सीट को 2019 का सेमाफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है. बीजेपी इस सीट को हरहाल में जीत हासिल करना चाहती हैं. लेकिन आरएलडी इस सीट से अपनी वापसी करना चाहती है. ऐसे में कैराना उपचुनाव दोनों दलों के लिए प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ है.