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पड़ताल के बगैर लोन देने से बढ़ा बैंकों का एनपीए: डॉक्टर प्राची

dr prachiजमशेदपुर : कमजोर साक्ष्यों के आधार पर लोन देने के कारण बैंकों का नॉन परफार्मिंग एसेट (एनपीए) बढ़ रहा है। बैंकों को लोन मंजूर करने से पहले पुख्ता जांच करने की जरूरत है, ताकि उनकी सेहत पर ज्यादा असर न पड़े। यह कहना है अर्थशास्त्री और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के चीफ जनरल मैनेजर डॉ. प्राची मिश्रा का। एक्सएलआरआई में मंगलवार को लीडरशिप टॉक में वित्तीय प्रबंधन में बैंक और बाजार की भूमिका पर व्याख्यान देते हुए डॉ. प्राची ने कहा कि विकासशील देशों में बैंकों की भूमिका महत्वपूर्ण है। विकास की रूपरेखा खींचने की नैतिक जिम्मेदारी बैंकों की है। पर्यावरण प्रबंधन और मजबूत वित्तीय संरचना से बेहतर विकास संभव है। कार्यक्रम में एक्सएलआरआई के काफी विद्यार्थी मौजूद थे। डॉ. प्राची मिश्रा ने कहा कि भारत में निजी कारोबारी मुद्रास्फीति की दर को प्रभावित करते हैं। जब वे चाहते हैं कुछ प्रतिशत तक इसे प्रभावित कर देते हैं। बहुत बड़ा प्रभाव डालने में निजी क्षेत्र सक्षम नहीं है।

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