नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को संसद की कैंटीन में पहुंचकर वहां मौजूद कई सांसदों को चौंका दिया तथा उनके साथ दोपहर का भोजन कर वह ऐसा करने वाले संभवत: पहले प्रधानमंत्री बन गये। मोदी ने अपनी शाकाहारी थाली के लिए 29 रुपये का भुगतान भी किया। मोदी संसद भवन की पहली मंजिल पर स्थित कमरा संख्या 70 में जब दोपहर एक बजे अचानक पहुंचे तो वहां करीब 18 सांसद अलग अलग मेजों पर बैठे थे। कैंटीन कर्मचारियों के अनुसार प्रधानमंत्री ने वहां बैठे सांसदों का अभिभावादन किया और कुछ सांसदों ने उनके पास जाकर अपना परिचय दिया। इसके बाद वह एक मेज पर बैठ गये जिस पर पहले से ही तीन सांसद बैठे थे। इस पर कैंटीन प्रभारी बी एल पुरोहित ने प्रधानमंत्री के पास जाकर पूछा कि श्रीमान, क्या कुछ विशेष चाहिए। इस पर मोदी ने कहा, नहीं, मुझे सामान्य शाकाहारी थाली चाहिए। उन्होंने फ्रूट सलाद भी लाने को कहा। इसके तुरंत बाद प्रधानमंत्री को शाकाहारी थाली दी गयी जिसमें पालक सब्जी, राजमा, दाल, सलाद, चावल एवं तंदूरी रोटी थी। प्रधानमंत्री को थाली देने वाले वेटर रमाशंकर ने बताया, खाने का कुल बिल 29 रुपये था। उन्होंने मुझे 100 रुपये का नोट दिया और मैंने उन्हें 71 रुपये लौटाये।
कर्मचारियों ने बताया कि मोदी ने बोतलबंद पानी की मांग नहीं की और सामान्य आरओ पानी ही पिया। प्रधानमंत्री 20-25 मिनट तक कैंटीन में रहे। उनकी टेबल पर बैठे दो सांसद गुजरात से थे। कुछ देर बाद बिजली मंत्री पीयूष गोयल भी वहां आये। इसे एक ऐतिहासिक अवसर मानते हुए पुरोहित ने प्रधानमंत्री से सुझाव पुस्तिका में कुछ लिखने को कहा। मोदी ने इस पर लिखा, अन्नदाता सुखी भव। उन्होंने इस टिप्पणी के बाद अपने हस्ताक्षर किये। संसद सूत्रों के अनुसार ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी प्रधानमंत्री ने कैंटीन में ग्राहक की तरह भोजन किया हो। राजीव गांधी ने एक बार कैंटीन में खाना खाया था लेकिन प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं।