नई दिल्ली : भूमि अधिग्रहण बिल पर लोकसभा में आज वोटिंग होगी। सरकार की तमाम कोशिशों और बिल के पक्ष में दी गई दलीलों के बावजूद विपक्ष इस बिल का विरोध कर रही है। सरकार बिल में कुछ संशोधन करने पर विचार कर रही है। सरकार के तीन वरिष्ठ मंत्रियों वेंकैया नायडू, अरुण जेटली और वीरेंद्र सिंह ने बिल को लेकर विपक्षी नेताओं से बातचीत भी की है। सरकार की कोशिश है कि कुछ संशोधनों के साथ विपक्ष उसकी बात मान ले, लेकिन विपक्ष झुकने को तैयार नहीं दिख रहा। कांग्रेस की पीएसी बैठक में फैसला ले लिया गया है कि वह सरकार के किसी भी संशोधन को नहीं मानेगी। कांग्रेस ने फैसला किया है कि वह इस बिल का विरोध करेगी। पार्टी की पार्लियामेंट्री अफेयर्स कमेटी की कल शाम हुए बैठक में तय किया गया कि कांग्रेस सरकार की तरफ से सुझाए जा रहे संशोधनों को भी नहीं मानेगी। सूत्रों का कहना है कि आधिकरिक संशोधन रेल पटरियों और राजमार्ग के दोनों ओर एक किलोमीटर के दायरे में भूमि अधिग्रहण को सीमित करने से जुड़ा हो सकता है। एक संशोधन भूमि अधिग्रहण के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करने से जुड़ा हो सकता है। संसद में चर्चा के दौरान कई सदस्यों ने इस विधेयक का विरोध किया और कुछ ने तो इस विधेयक को विभाग से संबंधित स्थायी समिति के पास भेजने की मांग की। कांग्रेस ने फैसला किया कि अगर सरकार बदलावों को वापस लेने और इसे स्थायी समिति के पास भेजने के लिए तैयार नहीं होती है तो वह कल लोकसभा में इस विधेयक के खिलाफ मतदान करेगी। भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने यह कहकर सरकार को असमंजस में डाल दिया कि इस विधेयक को समर्थन करने या नहीं करने को लेकर अभी वह किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है।