ममता बनर्जी ने कहा-BJP आतंकी संगठन, मुस्लिमों को ही नहीं हिन्दुओं को भी लड़वा रही
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ फिर से हल्ला बोला है. उन्होंने बीजेपी को आतंकी संगठन बताया है.
ममता ने कहा, ‘हम बीजेपी की तरह आतंकी संगठन नहीं हैं. वो केवल क्रिश्चियन्स और मुसलमानों को ही नहीं लड़वा रहे बल्कि हिन्दुओं को भी आपस में लड़वा रहे हैं.’ उनका ये बयान ऐसे समय में आया है जब पूरा विपक्ष बीजेपी के खिलाफ थर्ड फ्रंट के रूप में नजर आ रहा है और इसमें ममता की मुख्य भूमिका मानी जा रही है.
उनके इस बयान को 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. दरअसल, मौजूदा स्थिति को देखें तो बीजेपी को रोकने के लिए विपक्ष किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार नजर आ रही है. यही कारण है कि कर्नाटक चुनाव के बाद सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में धुर-विरोधी दिग्गज नेता भी एक ही मंच पर देखे गए.
एचडी कुमारस्वामी के इस शपथ ग्रहण समारोह में एक ही मंच पर ममता बनर्जी और सालों से उनके विरोधी रहे सीपीएम के पोलित ब्यूरो के सदस्य सीताराम येचुरी भी साथ नजर आए. इस मंच से 2019 लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता का संदेश देने की कोशिश की गई.
इसके बाद से विपक्ष की लामबंदी तेज हो गई है. हाल ही में दिल्ली आईं ममता ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात की और उनके दिल्ली को पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग का समर्थन किया. ममता के इस कदम का भी मार्क्सवादी कांग्रेस पार्टी (माकपा) ने स्वागत किया. इस बीच ममता ने अपने विरोधी केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन से भी मुलाकात की.
बीते रविवार को ममता ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल से भी मुलाकात की. यह इस बात का संकेत है कि सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ विपक्षी गठबंधन में शामिल होने में कांग्रेस की रुचि हो सकती है. ममता ने बंगला भवन में पटेल का गर्मजोशी से स्वागत किया, जो वहां फूल और फलों की बड़ी टोकरी लेकर पहुंचे थे.
इस मुलाकात पर तृणमूल कांग्रेस से जुड़े एक सूत्र ने कहा, ‘ममता से अहमद पटेल की मुलाकात राजनीतिक महत्व रखती हैं क्योंकि संभावित तौर पर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने उन्हें मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए कहा था. ममता भाजपा के खिलाफ सभी दलों को एकजुट करने में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं और स्पष्ट तौर पर कांग्रेस भी इसका हिस्सा बनना चाहती है.’
हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि महात्मा गांधी की हत्या करने वाला नाथूराम गोड्से भी कभी संघ से जुड़ा था. यह विचारधारा घृणा फैलाती है. घृणा हिंसा को बढ़ावा देती है और हिंसा फिर आतंकवाद की ओर ले जाती है. साथ ही उन्होंने आरएसएस पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा था कि जितने भी हिंदू धर्म वाले आतंकवादी पकड़े गए हैं सब संघ के कार्यकर्ता रहे हैं.
बीजेपी ने भी दिया था विवादित बयान
ममता से पहले बुधवार को पश्चिम बंगाल में पुलिस ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी विवादित बयान दिया था, जिसके बाद उनके खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में एफआईआर दर्ज हुआ. घोष ने ये भाषण कथित तौर पर मंगलवार को जलपाईगुड़ी में दिया.
पश्चिम बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं पर सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की ओर से बढ़ते हमलों का उसी शैली में पलटवार करने के लिए घोष ने अपने भाषण में जिक्र किया. घोष ने कहा, ‘हमारे सब्र की भी कोई सीमा है. हमने कोई बॉन्ड लिखकर नहीं दिया है कि जो हम पर हमला करेगा हम उसे मुफ्त रसगुल्ले खिलाएंगे. उन्हें बम के बदले बम से जवाब दिया जाएगा, गोली के बदले गोली और हर लाठी के बदले लाठी.’
घोष ने जिले में ‘कानून उल्लंघन कार्यक्रम’ की अगुआई करते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, ‘टीएमसी के दादा जो यहां गुंडागर्दी कर रहे हैं, मैं उनसे कहता हूं, वो दिन ज्यादा दूर नहीं है जब तुम या तो जेल जाओगे या सीधे एनकाउंटर में मारे जाओगे. गब्बर सिंह की तरह साथ ही गोलियां और लाशें भी गिनी जाएंगी…किसी को नहीं छोड़ा जाएगा.’
घोष ने राज्य में हाल में हुए पंचायत चुनावों में व्यापक हिंसा का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी बीजेपी कार्यकर्ता को पिट कर वापस नहीं आना चाहिए, अगर वो उसी तरीके से पलटवार नहीं करता.