मंगल और शनि दोनों एक साथ वक्री होने से बढ़ेंगी प्राकृतिक आपदाएं
ज्योतिष डेस्क : पृथ्वी पुत्र मंगलदेव 27 जून से शनि की राशि मकर में वक्री (उल्टी चाल चलना) हो रहे हैं। वहीं शनि पहले से ही वक्री चल रहे हैं। मंगल और शनि दोनों एक साथ वक्री होने के कारण प्राकृतिक घटनाएं बढ़ेंगी साथ ही इनका प्रभाव सभी राशियों पर अच्छे और बुरे तरह से पड़ेगा। जिन जातकों की जन्मकुण्डली में मंगल वक्री हो तो उसे कई तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ता है। मंगल और शनि के एक साथ वक्री होने के कारण पृथ्वी पर अनाचार, अत्याचार के साथ बड़ी प्राकृतिक आपदाएं आएंगी। वहीं कई क्षेत्रों में अतिवृष्टि के कारण बाढ़ आने के संकेत हैं, साथ ही भूकंप, समुद्र में तूफान, तेल के कुओं में आग लगाना जैसी घटनाएं हो सकती हैं। वहीं देश में भी बड़ी राजनीतिक उठापटक देखने को मिलेगी। साथ ही किसी बड़े नेता की हानि होने की भी संभावना है। सैन्य प्रधान देशों में स्थिति अनियंत्रित होगी। साथ ही सीमेंट, ईटों, वाहनों के दाम बढ़ेंगे।
26-27 जून की मध्यरात्रि 2.45 बजे श्रवण नक्षत्र में मंगलदेव वक्री होंगे और 27 अगस्त भाद्रपद कृष्णपक्ष प्रतिपदा सोमवार को शाम 7.45 बजे मकर राशि में ही मंगल मार्गी हो जाएंगे। इस दौरान 62 दिन मंगल वक्री रहेंगे।
मेष राशि – व्यापार में हानि
वृषभ राशि – उधार लेने से बचें
मिथुन – स्वास्थ्य का रखे ध्यान
कर्क – बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।
सिंह – भाग्य में रुकावटें आएंगी।
कन्या राशि – संतान पक्ष पर खर्च।
तुला राशि – वाणी में संयम रखें।
वृश्चिक राशि – शत्रु हावी रहेंगे।
धनु राशि – यात्रा से बचें।
मकर राशि – आर्थिक खर्च बढ़ेंगे।
कुंभ राशि – कार्य के प्रति सजग रहें।
मीन राशि – वाकचतुर्य से लाभ मिलेगा।