अजब-गजब

सूअर के बालों से बना था पहला टूथब्रश

सुबह उठते ही हम किसी चीज का अगर पहले इस्तेमाल करते हैं तो वह टूथब्रश ही है। पहले तो इंसान दांत साफ करने के लिए बांस, नीम या बबूल की टहनियों का इस्तेमाल करता था लेकिन फिर जानवरों के बाल से बने टूथब्रश आए। आधुनिक समय की बात करें तो नाइलॉन से बने टूथब्रश ज्यादा प्रचलन में हैं। माना जाता है कि सबसे पहले 3500-3000 ईसापूर्व में बेबीलॉन और मिस्र के निवासियों ने टूथ ब्रश का इस्तेमाल किया था। वे एक लकड़ी के टुकड़े के अगले भाग को चबाकर मुलायम बना देते थे जिससे दांत साफ किया जा सके। मिस्र की प्राचीन कब्रों में शव के साथ दातून भी पाए गए हैं। वैसे इस तरह के दातून का इस्तेमाल आज भी कई देशों में होता है। 1600 ईसा पूर्व के आसपास चीन ने ‘चबाने वाली छड़ी’ तैयार की जिसे सुगंधित वृक्ष की टहनियों से बनाया जाता था। माना जाता है कि फिर उसके बाद सबसे पहली बार टूथब्रश का आविष्कार भी चाइना में ही हुआ था। इस टूथब्रश के ब्रिस्टल (टूथब्रश का अगला हिस्सा जो ब्रश जैसा होता है ) के लिए सूअर का बाल इस्तेमाल किया गया था। ब्रिस्टल किसी हड्डी या बांस से बने हैंडल से जुड़ा रहता था। फिर यह ब्रश चीन से यूरोप पहुंचा। वहां इसके लिए घोड़े के मुलायम बाल और पक्षियों के पंखों का इस्तेमाल किया गया।आधुनिक युग के टूथब्रश की बात करें तो उसका आविष्कार विलियम ऐडिस नाम के इंग्लैंड के उद्यमी ने 1780 में किया। इसके आविष्कार का किस्सा बड़ा रोचक है। दरअसल विलियम इंग्लैंड की एक जेल में दंगा भड़काने की वजह से बंद था। उसने एक दिन अपने खाने में आई हुई एक हड्डी को लिया और उसके अंदर छेद किए और फिर उसको जानवर के बालों के साथ चिपका दिया और जब विलियम एडिस जेल से रिहा हुए तो इसी तरह के बहुत से टूथब्रश बनाकर बेचना शुरू किया और अपनी एक कंपनी भी शुरू की। हालांकि आधुनिक टूथब्रश एडिस ने बनाया, लेकिन पैटंट के मामले में अमेरिका बाजी मार ले गया। 7 नवंबर 1857 को अमेरिका के एचएन वासवर्थ ने टूथब्रश का पैटंट हासिल किया। 1844 में पहले 3 पंक्ति वाले ब्रिसल ब्रश का आविष्कार हुआ। पहले विश्व युद्ध के दौरान सेल्युलॉइड प्लास्टिक का बना हैंडल सामने आया। उस समय हड्डियों का इस्तेमाल साबुन बनाने के लिए होने लगा था।

Related Articles

Back to top button