लखनऊ : पत्रकारिता पहले जहां अखबारों, पुस्तकों में हुआ करती थी, वहीं इंटरनेट के बढ़ते प्रचलन के बीच वेब पत्रकारिता का जन्म हुआ। इंटरनेट एवं बढ़ते समाचार पोर्टलों से वेब पत्रकारिता के लिए योग्य पत्रकारों की मांग बनी रहती है। 4 साप्ताह से चल रही वेब पत्रकरिता एवं समाचार लेखन की वर्कशॉप का समापन करते हुए आर्यकुल कॉलेज ऑफ एजुकेशन के डायरेक्टर सशक्त सिंह ने कहा की वेब पत्रकारिता में बहुत अधिक संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए खबरों को समझकर उन्हें प्रस्तुत करने की कलाए तकनीकी ज्ञान, भाषा पर अच्छी पकड़ होना आवश्यक है। इन्ही तत्वों को महत्वता देते हुए आर्यकुल ग्रुप ऑफ कॉलेजेस के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग ने वेब पत्रकरिता एवं समाचार लेखन जैसे विषय पर 4 सप्ताह की वर्कशॉप का आयोजन किया। इस वर्कशॉप का प्रारंभ 29 जून से किया गया था, वर्कशॉप में बच्चों ने पत्रकारिता लेखन के साथ बदलती पत्रकारिता के स्वरुप और भविष्य में इसमें बढ़ते करियर के बारे में भी जानकारी हासिल की।
इसके साथ ही टेक्निकल लेखन, फोटो एवं विडियो एडिटिंग, सोशल मीडिया न्यूज़ शेयरिंग, डिजिटल मीडिया एथिक्स का भी ज्ञान प्राप्त किया जिससे ऐसे भ्रामक समाचार से लोगों को गुमराह होने से बचाया जा सके जो वास्तविक नहीं होते हैं। वेब पत्रकारिता एक ऐसा माध्यम है जो अपने अंदर प्रिंट, टीवी और रेडियो को समेटे है। मीडिया का लोकतंत्रीकरण करने में वेब पत्रकारिता बड़ी भूमिका निभा रहा है। संचार माध्यम के रूप में इस प्लेटफार्म ने हर आदमी की आवाज बुलंद कर हजारों, करोड़ों लोगों तक पहुंचाया है। वर्कशॉप प्रोग्राम के कोऑर्डिनेटर रंजीत कुमार ने कहा कि इंटरनेट का पाठक अधिकतर जल्दी में होता है और उसे बांधे रखने के लिए आपकी सामग्री पठनीय, रूचिकर व आकर्षक हो यह बहुत आवश्यक है। यदि हम ऑनलाइन समाचार पत्र की बात करें तो भाषा सरल, छोटे वाक्य व पैराग्राफ भी अधिक लंबे नहीं होने चाहिएं। इस अवसर आर्यकुल ग्रुप ऑफ कॉलेजेस के रजिस्टार सुदेश तिवारी, शिक्षा विभाग की विभागाध्यक्षा अंकिता अग्रवाल, पत्रकारिता विभाग के प्रमुख डॉ. अजय शुक्ला, एचआर प्रमुख नेहा वर्मा, कक्षाध्यापक सिद्धार्थ राजेंद्र के साथ कंप्यूटर तकनीकी विभाग के रोबिन सिंह उपस्थित रहे।