नई दिल्ली : भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) संकटग्रस्त आईडीबीआई बैंक में 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने जा रही है लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में इसके निवेश का प्रतिफल अब तक निराशाजनक रहा है। पिछले ढाई साल में एलआईसी को 21 सार्वजनिक बैंकों में से 18 में निवेश पर नुकसान उठाना पड़ा है। इस साल मार्च के अंत तक एलआईसी की 21 सार्वजनिक बैंकों में 1 फीसदी से अधिक की हिस्सेदारी थी लेकिन उनमें से 3 बैंकों के शेयर ही दिसंबर 2015 के शेयर भाव से अधिक पर कारोबार कर रहे हैं।
देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी को जिन तीन बैंकों में निवेश पर फायदा हो रहा है उनमें इंडियन बैंक (शेयर भाव 163 फीसदी अधिक), विजया बैंक (43.4 फीसदी) और भारतीय स्टेट बैंक (4 फीसदी) शामिल हैं। इसके अलावा, निजी क्षेत्र के 9 बैंकों में एलआईसी की हिस्सेदारी 1 फीसदी से है अधिक है और उसके निवेश का मूल्य बढ़ा है। दिसंबर 2015 की तुलना में आज की तारीख में सरकारी बैंकों में एलआईसी के निवेश मूल्य में 8 फीसदी की कमी आई है। इसके बावजूद एलआईसी सार्वजनिक बैंकों में अपना निवेश बढ़ा रही है। दूसरी ओर निजी बैंकों में एलआईसी के निवेश का मूल्य 50 फीसदी बढ़ा है, क्योंकि इस दौरान एचडीएफसी बैंक का शेयर 95 फीसदी और येस बैंक का शेयर 134 फीसदी चढ़ा है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 2015 की दूसरी छमाही में बैंकों की परिसंपत्ति की गुणवत्ता की समीक्षा किए जाने के बाद सार्वजनिक बैंकों में एलआईसी के निवेश मूल्य में तेजी से गिरावट आई है। देना बैंक, यूको बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र के मूल्यांकन में 60 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। दिसंबर 2015 के बाद से 9 सार्वजनिक बैंकों के शेयरों में 50 फीसदी से ज्यादा की कमी आई है और 6 अन्य बैंकों का शेयर भाव 30 से 50 फीसदी घटा है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में एलआईसी ने सबसे ज्यादा निवेश एसबीआई में किया है, और दूसरे नंबर पर पंजाब नैशनल बैंक है।