नई दिल्ली : शिक्षा को विश्वस्तरीय बनाने और इसकी गुणवत्ता बढ़ाने में जुटी मोदी सरकार ने शैक्षणिक ढांचे को मजबूत बनाने का बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत अगले चार सालों में एक लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह पैसा शोध के साथ शैक्षणिक संस्थानों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च होगा। इसके साथ ही शैक्षणिक सुधार की राह का एक बड़ा रोड़ा भी खत्म हो गया है।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने उच्च शिक्षा वित्त एजेंसी( हेफा) के दायरे को भी बढ़ा दिया है। जो अब उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ एम्स जैसे स्वास्थ्य संस्थानों, केंद्रीय व नवोदय विद्यालय को भी वित्तीय मदद दे सकेगी। अभी तक इसके दायरे में सिर्फ केंद्रीय विवि, आईआईटी जैसे उच्च शिक्षण संस्थानों को ही रखा गया था। सरकार ने अब इसके दायरे में एम्स जैसे स्वास्थ्य संस्थानों और स्कूली शिक्षा के तहत केंद्रीय और नवोदय विद्यालयों को भी जोड़ा है।