बड़ी खबर: समय से पहले लोकसभा के साथ हो सकते हैं तीन राज्यों के चुनाव
इसी कारण नेतृत्व ने हरियाणा सरकार और संगठन में व्यापक फेरबदल की योजना पर फिलहाल विराम लगा दिया है। इन तीनों राज्यों में भाजपा कई चुनौतियों का सामना कर रही है। गौरतलब है कि इन राज्यों में 2014 में लोकसभा चुनाव के साल भर बाद कराए गए थे।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक इन राज्यों में लोकसभा के साथ चुनाव कराने का विकल्प मजबूत है। पिछले विधानसभा चुनाव में भी इन राज्यों में मोदी मैजिक से ही जीत मिली थी। अब इन राज्यों में पार्टी के सामने अलग-अलग चुनौतियां हैं। झारखंड में कांग्रेस, झामुमो और राजद एक मंच पर आते दिख रहे हैं।
महाराष्ट्र में शिवसेना ने लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का एलान किया है। हरियाणा से पार्टी को सकारात्मक संदेश नहीं मिल रहे। यही कारण है कि पार्टी नेतृत्व इन राज्यों में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव कराने के विकल्प पर मंथन कर रहा है।
जहां तक हरियाणा का सवाल है तो राज्य संगठन और सरकार के खिलाफ नेतृत्व के पास शिकायतों का अंबार है। सभी बैठकों में कार्यकर्ताओं के खुश न होने, सरकार और संगठन में मतभेद की बात सामने आ रही है।
नेतृत्व ने सूबे में संगठन और सरकार में बड़े फेरबदल की योजना बनाई थी, लेकिन लोकसभा चुनाव के साथ चुनाव के विचार पर फिलहाल इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया है। रणनीतिकारों का मानना है कि साथ-साथ चुनाव से पूरा चुनाव प्रचार मोदी बनाम अन्य हो जाएगा और इसका पार्टी को लाभ मिलेगा।