यहाँ लडका और लडकी जाते है एक ही ‘टॉयलेट’ में, करते है ऐसा आपत्तिजनक काम, देखकर खडे हो जायेंगे रोंगटे
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में जेंडर गैप मिटाने के लिए एक अनोखी पहल की गई। यहां के समरविले कॉलेज में स्टूडेंट्स की वोटिंग कराई गई। जिसके बाद ये फैसला लिया गया कि अब कॉलेज में मेल और फीमेल स्टूडेंट्स एक ही टॉयलेट का इस्तेमाल करेंगे।
फैसले के बाद टॉयलेट के बाहर मेल या फीमेल का साइन बोर्ड हटा दिया जाएगा। समरविले कॉलेज के स्टूडेंट्स ने पिछले सेमेस्टर(नवंबर) के फैसले को बदला है। पिछले फैसले में कहा गया था कि मेल-फीमेल स्टूडेंट्स के लिए एक ही टॉयलेट ठीक नहीं है। इससे छेड़छाड़ की घटनाएं बढ़ेंगी। लेकिन अब फिर से सीक्रेट बैलेट के जरिए कॉलेज ने चुनाव कराया। जिसमें 80 फीसदी स्टूडेंट्स ने Gender Neutral Toilets के पक्ष में वोट किया। Gender Neutral Toilets का मतलब है कि कॉलेज में लड़का और लड़की के लिए एक ही टॉयलेट होगा।
इस फैसले के बाद टॉयलेट के आगे से मेल या फीमेल की साइन बोर्ड हटा दिए जाएंगे। शौचालयों के आगे Gender Neutral Toilets with Cubicles या फिर Gender Neutral Toilets with Urinals लिखा होगा। इससे जेंडर गैप को खत्म करने में मदद तो मिलेगी साथ ही ये LGBT कम्युनिटी के लिए एक अच्छी पहल साबित हो सकती है। हालांकि कुछ स्टूडेंट्स ने इस फैसले के बाद चिंता जताई। उनका कहना था कि इससे यौन शोषण की घटनाएं बढ़ेंगी। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में समरविले 12वां ऐसा कॉलेज है जहां ऐसे टॉयलेट बनेंगे। इससे पहले वैधम, सें हग्स और सेंट जॉन्स में ऐसे टॉयलेट बने हुए है।