युवती की लाश की तलाश में खुदवाया गया मक्के का खेत, मिले बाल
संभल जिले के धनारी थाना क्षेत्र के गांव दिलौरा निवासी राजेंद्र सिंह यादव की कनकपुर गांव में ससुराल है। 27 जून को शादी समारोह में राजेंद्र सिंह का परिवार यहां आया था। साथ में उनकी बेटी पूजा भी आई थी। 29 जून को गांव में पूजा की हत्या की चर्चाएं शुरू हुई। चर्चा थी कि ननिहाल वालों ने हत्या कर शव गांव के बाहर किसी खेत में दफन कर दिया है। 2 जुलाई को यह चर्चा पुलिस के पास पहुंची। पुलिस गांव पहुंची तो पूजा के ननिहाल वाले ताला बंद कर घर से लापता थे। गांव में खुलकर कोई कुछ नहीं बोल रहा था। पुलिस ने गोपनीय तरीके से जानकारी जुटानी शुरू की।
जिन पर हत्या का आरोप है वह सभी लापता हैं। अतरौली पुलिस ने धनारी (संभल) पुलिस से संपर्क साधा तो पूजा के पिता राजेंद्र सिंह का परिवार भी गांव से लापता था। इससे पुलिस का शक बढ़ता गया। पुलिस ने खेतों में शव की तलाश शुरू की लेकिन जानकारी नहीं हो सकी। इसी बीच पुलिस ने गांव के वेदप्रकाश के मक्का के खेत में शव दफनाए जाने की आशंका जताई लेकिन खेत में पानी भरे होने से कुछ नजर नहीं आया। बुधवार को सीओ प्रशांत सिंह, कोतवाल उत्तमचंद पटेल, जिरौली चौकी इंचार्ज रामकेश राजपूत, तेवथू चौकी इंचार्ज लखमी सिंह फॉरेंसिक एक्सपर्ट और डॉग स्क्वाड के साथ गांव पहुंचे। पुलिस ने वेदप्रकाश के खेत में गहन तलाशी अभियान चलाया। फसल के बीचों बीच मक्के के पौधे टूटे देख पुलिस अधिकारियों का माथा ठनका। कुछ चौड़ाई में ऐसा लग रहा था कि घास बाद में उगी है। उस स्थान पर पुलिस ने मजदूरों के जरिए खुदाई शुरू करा दी। कुछ देर खुदाई होने पर अचानक तेज बदबू आने लगी। महिला के सिर के बाल भी मिले। दुर्गंध अधिक होने से मजदूरों ने खुदाई बंद कर दी। इसके बाद जेसीबी मंगवाकर करीब 10 फिट लंबाई और 5 फिट चौड़ाई में गड्ढा खुदवाया गया लेकिन शव नहीं मिला।
… तो मिल सकता था शव
गांव में चर्चा थी कि जितनी सक्रियता पुलिस अब दिखा रही है, यही युवती की हत्या करने की खबर मिलने के बाद दिखाई होती तो युवती का शव बरामद हो जाता। लोगों में चर्चा थी कि पुलिस की लापरवाही के चलते शव को गड्ढे से निकालकर दूसरी जगह ठिकाने लगाने का मौका आरोपियों को मिल गया।