राजस्थान पुलिस ने लगाया वेब कर्फ्यू, व्यापारियों को करोड़ों का नुकसान
एकतरफ सरकार डिजिटल इंडिया की बात कर रही है, दूसरी तरफ राजस्थान में कांस्टेबल भर्ती जैसी पारंपरिक परीक्षा में नकल रोक पाने की नाकामी छिपाने के लिए पुलिस ने जनता के ऊपर ‘वेब कर्फ्यू’ थोप दिया। शनिवार को पहले ही दिन 10 घंटे इंटरनेट बंद रहने के कारण व्यापारियों को करोड़ों रुपये के लेन-देन का नुकसान हुआ, जबकि आम जनता को मोबाइल एप आधारित सेवाएं नहीं चलने के कारण धक्के सड़कों पर धक्के खाने पड़े।
न तो लोग इंटरनेट से टैक्सियां मंगा सके और न ही पैसे भेजने से लेकर खासी छूट वाले ऑफरों से लैस एप आधारित फूड होम डिलीवरी का ही लाभ ले पाए। आम जनता और व्यापारियों को यही परेशानी रविवार को भी 10 घंटे के लिए भुगतनी होगी। दरअसल पिछले साल इस परीक्षा में जमकर नकल हुई थी, जिसमें 10 से अधिक एफआईआर और 30 से अधिक गिरफ्तारियां की गईं थीं।
बाद में परीक्षा को रद्द करना पड़ा था। पुलिस को इस बार भी वॉट्सएप के जरिए प्रश्न पत्र वायरल होने का संदेह था। इस कारण ‘न रहेगा बांस और न बजेगी बांसुरी’ के तहत दोनों दिन 10-10 घंटे नेट बंद करने का उपाय किया गया। इस परीक्षा में राजस्थान के 664 सेंटरों पर करीब 13142 पदों के लिए 15 लाख अभ्यर्थी दो पारियों में परीक्षा दे रहे हैं।
600 करोड़ का कारोबार प्रभावित
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, सरकार के कैशरहित डिजिटल करेंसी को बढ़ावा देने से अब ज्यादातर खरीदारी नेट बैंकिंग, मोबाइल वॉलेट या क्रेडिट-डेबिट कार्डों के जरिए ही हो रही है। इंटरनेट बंद होने से ये सेवाएं नहीं चलेंगी, जिससे दो दिन में करीब 600 करोड़ रुपये का लेन-देन प्रभावित होगा और व्यापारियों को 50 करोड़ रुपये से अधिक का व्यापारिक घाटा होने का अनुमान है।
अकेले जयपुर में इंटरनेट से रोजाना 20 हजार फूड डिलीवरी
एक विशेषज्ञ के अनुसार, अकेले जयपुर में फूड होम डिलीवरी वाली दो प्रमुख मोबाइल एप सेवाओं स्विगी और जोमेटो से रोजाना औसतन 20 हजार खाने के ऑर्डर किए जाते हैं। शनिवार को ये ऑर्डर नहीं हुए और रविवार को भी ये सेवा नहीं चलेगी। इससे इन दोनों सेवाओं से जुड़े करीब 1200 डिलीवरी बॉयज को भी आर्थिक नुकसान होगा।
6 हजार टैक्सियों का चक्का जाम
प्रदेश के शहरों में करीब 6 हजार टैक्सियां व बाइक टैक्सियां इंटरनेट के जरिए सेवाएं देने वाली ओला व उबर कंपनियों से जुड़ी हुई हैं। शनिवार को मांग के पीक समय पर इनका चक्का जाम रहा, जो रविवार को भी रहेगा। इससे राहगीर भी परेशान हुए, जबकि इनके ड्राइवरों की आमदनी को भी चोट पहुंची है।
क्या कहते हैं प्रभावित लोग
रोजाना सुबह 10 से शाम 6 बजे के बीच स्विगी व जोमेटो से 125 से अधिक ऑर्डर बुक होते हैं, जो शनिवार को नहीं हुए। रविवार को और अधिक ऑर्डर आते हैं, लेकिन इंटरनेट बंद रहने के कारण नुकसान होगा।
– निशी जैन, प्रबंधक, की एंड का रेस्त्रा
दिन के दस घंटे में एक ड्राइवर औसतन 15 राइड कर लेता है, लेकिन आज का दिन सूना रहा और यही हाल रविवार को भी रहनेवाला है।
– योगेश कुंथल, अध्यक्ष, राजस्थान वाहन चालक यूनियन
जानिए क्या हो अगर देश में इंटरनेट सेवाएं 10 घंटे के लिए बंद हों
1. 52 करोड़ इंटरनेट यूजर्स : इन सभी के जीवन पर सीधा असर होगा, ऑनलाइन बिजली, पानी, डीटीएच, विभिन्न फीस आदि के भुगतान के लिए लोग कार्यालयों पर आने को मजबूर होंगे, अधिकतर का काम नहीं हो पाएगा।
2. बैंक ऑनलाइन ट्रांजेक्शन : आरबीआई के अनुसार, मई 2018 में 207 बैंकों के जरिए हर दिन औसतन 3.70 लाख नागरिकों ने 3.41 लाख करोड़ रुपये का लेन-देन रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) के जरिए किए थे, यह भी प्रभावित होगा।
कैब तक नहीं मिलेगी
3. कैब तक नहीं मिलेगी : हर रोज नागरिक टैक्सी-कैब की 48 लाख ऑनलाइन बुकिंग कर रहे हैं, उनका आवागमन रुक जाएगा। 16 लाख ऐसे टैक्सी ड्राइवर भी खड़े रह जाएंगे, जो ऑनलाइन बुकिंग पर मुसाफिरों तक पहुंचते हैं।
4. रेलवे की 15 लाख टिकट बुकिंग फंसेगी : रेलवे के अनुसार 65 से 70 प्रतिशत रेलवे टिकट आईआरसीटीसी पर बुक किए जा रहे हैं, संख्या करीब 15 लाख। इनमें से आधी बुकिंग रुक जाएगी, खासतौर से तत्काल टिकट बुकिंग फंस जाएगी, जो सुबह 10 व 11 बजे कुछ ही मिनटों में खत्म हो जाती हैं।
5. ई-कॉमर्स : करीब 326 करोड़ रुपये का कारोबार रुक जाएगा। एसोचैम व मॉर्गन स्टेनले के अनुसार, इस समय 12 प्रतिशत खरीदारी ई-कॉमर्स वेबसाइटों से हो रही है, 10 करोड़ से अधिक लोग यह खरीदारी कर रहे हैं, जो करीब आधी रह जाएगी।