कैलाश मानसरोवर झील में स्नान करने पर चीन ने लगाया प्रतिबंध
पिथौरागढ़ : कैलाश मानसरोवर झील में डुबकी लगाने पर चीन ने प्रतिबंध लगा दिया है। कैलाश यात्रियों को स्नान के लिए झील का पानी बाल्टियों में भरकर दिया जा रहा है। यह कहना है यात्रा पूरी कर लौटे कैलाश यात्रियों का। उनके अनुसार चीन ने झील के पानी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए यह प्रतिबंध लगाया है। कैलाश मानसरोवर हिंदुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है। कैलाश पर्वत के दर्शन और मानसरोवर झील में स्नान के लिए हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु तिब्बत जाते हैं। यहां यात्री पहले कैलाश पर्वत की परिक्रमा करते हैं। इसके बाद पवित्र मानसरोवर में स्नान के बाद यात्री पूजा-अर्चना करते हैं। इस वर्ष से चीन सरकार ने झील में स्नान पर प्रतिबंध लगा दिया है। दूसरी बार कैलाश यात्रा पूरी कर लौटे मुंबई निवासी भानु दास बताते हैं कि वर्ष 2009 में उन्होंने झील में डुबकी लगाई थी। इस बार उन्हें झील में स्नान नहीं करने दिया गया। स्नान के लिए झील से बाल्टी में पानी दिया गया।
चौथी बार कैलाश यात्रा पूरी कर लौटे गाजियाबाद निवासी संजय त्यागी ने बताया कि इससे पहले जब भी वह यात्रा पर गए, उन्होंने मानसरोवर में डुबकी लगाई, लेकिन, इस बार इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। वर्ष 2012 से 2018 तक सात बार कैलाश यात्रा पर जा चुके दिल्ली निवासी अजय कपूर ने भी मानसरोवर में स्नान पर प्रतिबंध की पुष्टि की। कैलाश यात्रियों का कहना था कि चीन सरकार को उनकी धार्मिक भावनाओं का भी ध्यान रखना चाहिए। यात्रा पूरी कर लौटे चौथे दल के कैलाश यात्रियों ने बताया कि मानसरोवर झील की परिक्रमा से पहले सभी यात्रियों को चीनी प्रशासन की ओर से झील की सफाई का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। इसके बावजूद कुछ यात्री पवित्र मानसरोवर में साबुन से स्नान करते थे। कई यात्री तो पुराने कपड़े भी मानसरोवर झील में डाल देते थे। इससे पानी प्रदूषित हो रहा था।